■ सत्यानाशी के पौधे का औषधीय उपयोग :-
• त्वचा रोगों में – इसके दूधिया रस का उपयोग खुजली, फोड़े-फुंसी और अन्य त्वचा रोगों के इलाज के लिए किया जाता हैं।
• जोड़ों के दर्द में – इसके तेल और अर्क को जोड़ों के दर्द और सूजन में लाभकारी माना जाता हैं।
• कफ और अस्थमा में – इसके अर्क का उपयोग श्वसन संबंधी समस्याओं में किया जाता हैं।
• कुष्ठ रोग में – आयुर्वेद में तथा भारतीय समाज में इसका प्रयोग कुष्ठ रोगों में भी किया जाता रहा हैं।
• घाव भरने में – यह इतना गुणी पौधा हैं कि कितना भी पुराना घाव हो उसे चुटकियों में ठीक कर देता हैं। यह बांझपन में भी उपयोगी हैं।
• यकृत विकारों में – पारंपरिक आयुर्वेद में इसे लीवर रोगों के इलाज के लिए उपयोग किया जाता हैं।
■ नियंत्रण और सावधानियाँ :-
सत्यानाशी का पौधा विषाक्त होने के कारण खेती के लिए उपयुक्त भूमि से हटा दिया जाता है, और इसके औषधीय उपयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर ले।