जब आत्मा अपने भीतर बसे उस सत्त शब्द से जुड़ जाए, जो सीधा मालिक तक पहुंचाता है। वही असली राह है, वही सच्चा जोग है बाकी सब दिखावा है, माया का खेल है।
वह हमें सिखाते हैं बाहर की तलाश छोड़ो, भीतर उतरकर उस आवाज़ को सुनो, जो मालिक ने स्वयं तुम्हारे अंदर रखी है। वही आवाज़, वही शब्द तुम्हें मालिक तक ले जाएगा। यही असली साधना है, यही असली मंज़िल है।
मालिक की मेहर हर पल
*सत* *अवगत* *सतनाम*