भंडारे का मतलब मेल प्रेम
भंडारे में संगत दूर दूर से आती है भाव बनाकर आती है कि मालिक हमारे विराजमान होंगे उनसे मिलने की चाह और जो भंडारा आप जोगी गोरखजी ने हुक्म दिया मेल के लिए टहल के लिए
ज्ञान की वर्षा में भीगने के लिए, ब्रह्म की पोखना, अपना पैसा अच्छे जगह लग जाए, जीवन सार्थक हो जाए,यह सब मन में ख्याल लेकर संगत भंडारे में आती है,
हम सबको भंडारे में सबसे प्रेम, खूब टहल सेवा, जायदा से जायदा दरबार में हाजिरी लगानी चाहिए
अपनी अगली पिछली सब दरबार में मालिक से माफ करवाए उनसे अरदास करे
*ऐसा* *कोई* *काम* *न* *करे* आप जोगी गोरखजी के भंडारे में कोई व्यवधान पड़े सब घटी के काम है, थोड़ी बहुत कोई बात हो गुंजाइश कर ले गरीबी में रहे तभी लाभ मिलेगा
भंडारे में सिर्फ मेल प्रेम की बातें करे कोई विवादित बातें न लाए
अन्यथा आयेंगे घूमेंगे फिरेंगे स्थूल सामग्री ग्रहण करेंगे रीते चले जायेंगे ऐसे ही तेरी मेरी में समय निकल जाएगा!!
मन में भाव आया लिखा बाकी संगत बड़ी है !!
*भंडारे* *में* *पहुंचा* *जाई* *सबसे* *मिले* *प्रीत* *अधिकाई*
*सत* *अवगत* *सतनाम*