मन, बुद्धि, शरीर यह तीनों संसार की तरफ़ खींचती है क्योंकि बुद्धि का तो काम ही संसारिक फायदा को बताना और इसकी तरफ़ अग्रसर होना
अगर मालिक से मिलना है तो अपने विवेक की सुनो क्योंकि विवेक का संबन्ध आत्मा ( ब्रह्म) से है !!
और
*बंदगी* *करने* *के* *_लिए_* *ही* *ब्रह्म* *बनाया* !!