तो किसी ने पूछा तुम्हे क्या मिला ?
उन्होने कहा कुछ नहीं मिला जो मिला हुआ था बस उसका पता चल गया जो था वह मेरे ही पास था लेकीन मुझे पता ही नही था अब मैंने जान लिया जो चहिए था वह मेरे पास ही था !!
अपने ज्ञान में भी है गांव तो गांव थारी चौकी बैठी सत शब्द माही डेरा!!
विजय फूल साध सतनामी भी हमेशा इसी पर जोर देते है तुम्हारे अंदर जो शब्द निरंतर हो रहा है उसे सुनो, देखो और अनुभव करो!!