*निर्वाण* *ज्ञान* *यानी* *मोक्ष* *दायमी* *ज्ञान*
ज्ञान में साफ कहा है, जो कोई चाहें मुक्ति का द्वारा! छाडो काम क्रोध अहंकारा!!
लोभ मोह धीरज से मारो! आशा तृष्णा चित नही धारो!!
सूरज के प्रकाश अंधकार कोई न रहे, जिन शब्द जान लिया करम भरम कित सम्भवे!!