एक प्यारी बेटी ने पूछा है कि परमानी बंदे किन को कहते हैं?... देखो जी जो अपने मालिक के परम आनंद में डूबे रहते हैं, तथा जिनको यह मालूम हो गया कि यहां स्थाई कुछ भी नहीं है, सब मिटाने वाला है, और हमसे छुटने वाला है, इन बातों को पकड़ कर के उनके जीवन में परिपक्वता आ जाती है, वे सुख दुख से ऊपर उठ जाते हैं, इसीलिए उन्हें जीवन में किसी के आने या चले जाने का कोई फर्क नहीं पड़ता, वे अपने मालिक के अलावा किसी अन्य को अपना नहीं मानते, अनन्य भाव से अपने सतगुरु (उदादास बाबा जी) की शरण में संसार में रहते हैं, वही परमानी बंदों की श्रेणी में पहले भी थे और आज भी है!...