सम्मान मिलता है सदा अपने व्यवहार से।
दुनियां तो शीशा है सभी ये कहते आये हैं।
डुबकी के मुताबिक ही सभी ने मोती पाये हैं।
जो अपने लिए चाहे पहले दूसरे को देना सीख,
क्रिया की प्रतिक्रिया होती है कर्मों के परछाये हैं।
जीवन सरल सुखमय होता है सदा,
सत्संग सत्विचार सत्कर्म और सदाचार से।
"Sk'" सम्मान मिलता है सदा अपने व्यवहार से।।