अंधेरा वहां नहीं है, जहां तन गरीब है

*अंधेरा वहां नहीं है, जहां तन गरीब है !*
*अंधेरा वहां है, जहां मन गरीब है..!!*

*ना बुरा होगा, ना बढ़िया होगा!*
*होगा वैसा, जैसा नजरिया  होगा..!!*

*हजार महफिलें हों, लाख मेले हों!*
*पर जब तक खुद से न मिलो, अकेले हो..!!*

🙏🏻🙏🏻