सत्संग क्या

सत्संग क्या है

सत्संग मतलब मालिक का संग, यह संसार में जन्म साध संगत में मिला कितने जन्मों के बाद यह जन्म मिला मालिक से मिलने के लिए यह योनि विशेष रूप से सहायक है ,मालिक को धनकारा दे जो उन्होने इस जन्म में आवागमन से मुक्त होने का मौका दिया !!

क्या यह सब मिलने के बाद भी हम यह मौका गवा देंगे, ऐसी प्यारी साध संगत मिली निर्वान ज्ञान मिला, सब कुछ सधा साधाया मिला फिर भी हम यह समय गवा रहे है, संसारी दौड़ में लगे हे,चित,मन, बुध्दि के गुलाम हो गए है यह रिश्तेदार, बेटा, बहु घर, मकान सब छूटने वाला है, और हम इसी में लगे है, और हमारे मालिक बाट जोह रहे हमारा बंदा कब हमे याद करे और हम उसे गले लगाए, अभी भी वक्त है, मालिक से मिलने की चाह पैदा करे मालिक जरुर मिलेंगे ,इसी जन्म में मिलेंगे,साध संगत करे, सत्संग करे, अपने अन्दर झांके, मालिक वही है, उन्हे जाने,  माने , पहिचानेऔर विश्वाश करे मालिक है, और सदा हमारे पास है!!
जहां भी सत्संग लगे जरुर जाएं वही से कुछ मिलेगा *_सत्संग_* *मतलब* *मालिक* *का* *संग* !!