बाबा जी ने जवाब दिया कि "मुझे रेलगाड़ी के Engine से प्यार हो गया है।" ❤️
सेवादारों ने पूछा, "प्यार क्यों हो गया है?
बाबा जी बोले, "इस की कुछ खास वजह है।
पहली वजह यह है कि Train का इंजन अपनी मंजिल पर पहुंच कर ही रुकता है।
दूसरी वजह यह है कि इंजन अपने हर डिब्बे को साथ लेकर चलता है।
तीसरी वजह यह है कि इंजन आग खुद खाता है और डिब्बों को खाने नहीं देता है।
चौथी वजह यह है कि इंजन अपने तय रास्ते से भटकता नहीं है।
पांचवीं और आखिरी वजह यह है कि इंजन डिब्बों का मोहताज नहीं है। 🤷♂️
परिवार के मुखिया (Leaders) को भी रेलगाड़ी के Engine जैसा होना चाहिए। 🙇🏻♂️🤗