१. मालिक अपने हैं
२. मालिक अपनेमें हैं
३. मालिक अभी हैं
४. मालिक सर्वसमर्थ हैं
५. मालिक अद्वितीय हैं
ये पाँच बातें मान लें तो आपसे अपने-आप सिमरन होगा
मेरा कुछ नहीं है और मेरे को कुछ नहीं चाहिये‒इन दो बातों से पूरा काम हो जायगा। श्रवण- मनन आदि सब इसके पेट में आ गया
जो लाभ वर्षों से नहीं हुआ, वह केवल इस बात को मानने से हो जायगा कि मेरा कुछ नहीं है मेरे को कुछ नहीं चाहिये
जब तक मिली हुई वस्तुओं को अपनी और अपने लिये मानते रहोगे, तब तक भूल मिटेगी नहीं
कितना ही साधन करो, सिद्धि नहीं होगी
जब तक अपना विचार सत करतार अवगत आप की प्राप्ति का नहीं होगा, तब तक बातें कहने-सुनने से काम नहीं होगा, कोई उपाय काम नहीं देगा। मालिक प्राप्ति की जोरदार अभिलाषा होने पर ही उपाय काम देते हैं, नहीं तो बढ़िया-से-बढ़िया उपाय भी काम नहीं देगा सतनाम ❤️