चण्डीगढ़, 17 अगस्त- अब दहेज उत्पीडऩ से जुड़े मामलों में पहले जांच की जाएगी, जांच में आरोपी द्वारा लगाये गये आरोप सही पाये जाने पर मामला दर्ज किया जाएगा। इस आशय का निर्णय माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा एक निर्णय में दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट के निर्णय की अनुपालना में प्रत्येक जिला में परिवार कल्याण समिति बनाई जाएगी, जिसमें तीन सदस्य होगें। जब भी कोई दहेज उत्पीडऩ से जुड़ा मामला आयेगा तो वह इस तीन सदस्यीय समिति के सम्मुख रखा जायेगा।
यह जानकारी आज जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण के सचिव एवं मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी, जींद डॉ० अशोक कुमार ने देते हुए बताया कि जिले में इस समिति का गठन किया जाना है। इसके लिए इच्छुक पात्र लोगों से आवेदन फार्म मांगें गये हैं। फार्म 18 अगस्त, 2017 तक जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण के एडीआर सैंटर में सायं 5.00 बजे से पूर्व जमा करवाये जा सकते है। मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी ने समिति के सदस्यों की योग्यता एवं अनुभव के सम्बन्ध में जानकारी देते हुए बताया कि इच्छुक व्यक्ति का आचरण सही हो, समाज में लोग उसकी बात को मान्यता देते हों। सामाजिक मुद्दों को सुलझालने का अनुभव अर्थात काऊंसलिंग का अनुभव हो, वह समिति का सदस्य बनने के लिए अपना आवेदन दे सकता है। उन्होंने बताया कि ऐसे योग्य अनुभवी लोगों को इस समिति का सदस्य बनाया जायेगा, उन्हें भविष्य में प्रोत्साहन राशि दिये जाने का भी प्रावधान हो सकता है। इच्छुक व्यक्ति को अपने कांऊसलिंग के अनुभव, शैक्षणिक योग्यता इत्यादि से जुड़े दस्तावेज मूल आवेदन फार्म के साथ जमा करवाने होगें।
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