जिन्दगी के है चार दिन , इससे चार काम तो किजिए

जिन्दगी के है चार दिन ,
इससे चार काम तो किजिए !
अब मिली फिर मिले न मिले ,
इस बार तो मजा लिजिए !!
💥पहला काम शुक्र खुदा का ,
हर स्वास शुक्र किजिए!
जिसने दिया ये नायाब तोहफा ,
हर स्वास जिकर तो किजीए !!
देह बख्शी बख्शा हुस्न ,
अक्ल समझ और स्वास भी !
बेशकिमत बख्शा खजाना ,
कुछ इसकी कदर तो किजिए !!
💥दूजा काम बहुत जरुरी ,
पल्ला मुर्शीद का थाम लिजिए!
मुर्शीद की खिदमत कर ,
उनसे इलाही नाम लिजीए !
मुर्शीदे कामिल की नजर ,
तौफीक उस खुदा की है !
मुर्शीद के दिदार मे ,
खुदाई नजारा किजीए !!
💥तीजा काम है नित नेम ,
मुर्शीद की मान लिजिए !
श्रीआरती पुजा सेवा सत्संग ,
सिमरण और ध्यान किजिए !!
बदले मे इन पाँच नियम के ,
गारंटी वो लेते है सारी !
ये पाँच तत्वो का शरीर ,
उनके हवाले किजीए !!
💥 चौथा काम मत भुल बन्दे ,
अमृत का जाम पिजिए !
उठ सवेरे अमृत वेले ,
अल्लाह का नाम लिजिए
ये दिन चार तो कट जायेगे ,
जैसे लिखे है किस्मत मे !
चुघ कुछ आगे की सोच ,
कुछ आगे की सुध लिजीए!!
💥जिन्दगी के है चार दिन ,
इससे चार काम तो किजीए!!!