सभी मनुष्य प्राणियों के स्थूल शरीर सत् करतार के सूक्षम में विराजमान होने के लिए उपयुक्त है । प्रायः गलती हमसे यह होती है की हम स्थूल शरीर के बाहरी रंग रूप स्वाँग आडम्बर पे चले जाते है जिससे हमें कोई सरोकार होना नहीं चाहिए प्रत्युत हमे तो प्रत्येक स्थूल खोल में सूक्षम रूप से विराजमान सत् करतार को देखना है ।
*सत्संग का चमत्कार*
प्रेमाभक्ति की अनुभूति का एक ही उपाय है, और वह यह है कि सत् करतार के साथ अनन्य भाव से अपना पन हो जाय । सत् करतार के सिवाय और किसी में भी अपना पन न रहे ।