कुछ ऐसी दवाईयाँ भी होती हैं

आप सभी को👨👦👧👩👴👵 सत्तनाम
*मालिक सच्चे दाता, सतअबगत, सत्तनाम, परमपिता परमेश्वर, ओर भगवान की दया से आज का सुविचार है!*
                             
                    *ध्यान दें:--*👇

👉.....*कुछ ऐसी दवाईयाँ भी होती हैं , जिनके उपयोग से बीमारियाँ नहीं होती हैं ———*

*🌹1.* सभी से *प्रेम* करना दवाई का काम करती है । यह  बहुत सी बीमारियों को जड़ से खत्म कर देती है ।

*🌹2.* *सहनशीलता* से बहुत सी बीमारियाँ से बचाव हो जाता है ।

*🌹3.* *दया* से अपने आपको और दूसरे व्यक्ति को स्वस्थ किया जा सकता है ।

*🌹4.* *करूणा* से घृणा जैसी महामारी को रोका जा सकता है ।

*🌹5.* *सदभाव* से चुगली जैसी लइलाज बीमारी को खत्म किया जा सकता है ।

*🌹6.* *क्रोध* पर कन्ट्रोल करके बीपी जैसी आदि बीमारियाँ ठीक हो जाती हैं ।

 *🌹7.* *मौन* से अपने आपको बलिष्ठ बनाया जा सकता है यह एक पोषक तत्व है जो कई बीमारियों को पनपने ही नही देता ।

*🌹8.* *शकून* यह एक ऐसी दवा है जिससे हमें जीवन का भरपूर आन्नद प्राप्त होता है ।

*🌹9.* *सत्संग, सेवा, सिमरन* वह कारखाना है जहाँ सभी स्वास्थ्यवर्धक दवाईयाँ बनती है ।

*🌹10.* *कसरत* भी एक दवाई है ।

*🌹11.*  सुबह-शाम *घूमना* भी एक दवाई है ।

*🌹12 .* *व्रत* रखना भी एक दवाई है ।

*🌹13 .* *परिवार* के साथ मिल बैठकर भोजन करना भी एक दवाई है ।

*🌹14 .* *हँसना* भी एक दवाई है ।

*🌹15 .* गहरी *नींद* भी एक दवाई है ।

*🌹16 .* *अच्छे लोगों के संग* वक़्त बिताना भी एक दवाई है ।

*🌹17 .* सदा *ख़ुश* रहना भी एक दवाई है ।

*🌹18 .* कुछ मामलों में *चुप* रहना भी एक दवाई है ।

*🌹19.* लोगों का *सहयोग* करना भी एक दवाई है ।

*🌹20 .*  अच्छे *दोस्त* भी दवाई का काम करते हैं ।

*🌹21.* *सत्संग* वह इन्जेक्शन है जो दवा को सम्पूर्ण शरीर में पहुँचाता है ।

*🌹22.* *सेवा* शक्तिवर्धक दवा है जो शरीर की ताकत बढाता रहता है ।

*🌹23.* *सिमरन* वह पावरफुल दवा है जो असाध्य से असाध्य रोगों को खत्म कर देती है ।

*🌹24.* अपने कुल की परम्पराओं को अपनाएँ! अपने माता पिता ओर अपने कुल के देवता का हमेशा आशिर्वाद लेते रहीये! 

*🌹25.* सदगुरु एक निर्माता और डाॅक्टर  है जो इन बीमारियों की दवा बनाता है, दवाई बताता है, दवाई लिखवाता  है, दवाई दिलावाता है, पीलवाता है, इलाज करता है और तन-मन दोनों को स्वस्थ करता है ।


*👉नोट--:* दवाई *फ्री* में मिल रही है ।

दवाई बताने की फ़ीस नहीं ली जाती ।

*आपकी ख़ुशी, आपकी मुस्कुराहट ही हमारी फ़ीस है । 😁😁😁😁😁😁😁😁😁😁😁*

*सदा खुश रहें मुस्कुराते रहें   😁😁😁😁😁*

बड़ी अजीब है यह दुनिया

बड़ी अजीब है यह दुनिया । जिनके पास है, वे सोचते हैं मजे में होंगे वे लोग जिन्होंने सब छोड़ दिया है। और जिन्होंने सब छोड़ दिया है वे बेचैन हैं कि सारा संसार मजा कर रहा है, एक हम ही छोड़ बैठे हैं, पता नहीं हमने कोई गलती न की हो! ऐसी अदभुत है यह दुनिया। ऐसी विरोधाभासी है। यहां सम्राट सोचते हैं फकीर मजे में हैं। यहां फकीर सोचते हैं सम्राट मजे में हैं।

मैं तुमसे यह कहना चाहता हूं कि तुम जहां हो वहीं मजे में हो जाओ। न फकीर बनने की जरूरत है, न सम्राट बनने की जरूरत है। सम्राट हो तो भी ठीक चलेगा। फकीर हो तो भी चलेगा। न फकीरी पकड़ो न बादशाहत पकड़ो। पकड़ो मत! जो है, जो उपलब्ध हुआ है, उसे प्रभु का प्रसाद समझकर स्वीकार करो। और जल में कमलवत रहना सीखो। रहो जल में, लेकिन जल छुए न..!!

जो व्यक्ति चुप होकर बैठने की कला सीख लेगा

जो व्यक्ति चुप होकर बैठने की कला सीख लेगा, उसे उसका ही शरीर हजार-हजार अनुभव दे देगा।

अपने ही शरीर से तुम सारे योग शास्त्र को जान सकते हो।

कर्म की गठरी बांध के जग में फिरे इंसान

कर्म की गठरी बांध के जग में फिरे इंसान जैसा करे वैसा भरे विधि का यही विधान
प्रार्थनाएं हर वक्त कुछ मांगने के लिए नही बल्कि मालिक ने जो हमें दिया है उसका आभार व्यक्त करने के लिए होनी चहिए!!
*सुख मन के भीतर की संपदा है जो धन से नहि, जो धैर्य और संतोष से प्राप्त होगा!!*
प्रेम की जागृति में सत् करतार की कृपा ही खास कारण है । सत् करतार की कृपा की अनुभूति होती है उनके शरणागत होने पर । शरणागत होने में संसार के आश्रय का त्याग मुख्य है ।

ज्यों तिल माहि तेल है

ज्यों तिल माहि तेल है, ज्यों चकमक में आग । तेरा साईं तुझ ही में है, जाग सके तो जाग।।



अर्थ:

कबीर दास जी कहते हैं जैसे तिल के भीतर ही तेल होता है और आग के भीतर रौशनी होती है ठीक वैसे ही ईश्वर तुम्हारे भीतर है उसे जान सको तो जानो।