हे मेरे मालिक सिरजनहार

थोड़ी - थोड़ी देर में अंतर्मन में कहते रहें - हे दाता ! हे मेरे मालिक सिरजनहार ! मैं आपको भूलूँ नहीं । मैं सत् करतार का हूँ और केवल सत् करतार ही मेरे अपने हैं । इस अपने पन के समान कोई भी योग्यता, पात्रता, अधिकारिता आदि कुछ भी नहीं है । यह सम्पूर्ण साधनों का सार है, बहुत वर्षों का काम मिनटों में हो जाये ।