साध की पहिचान*
सादा जीवन उच्च विचार।
"साध शीतल बानी बोलै"।
"साध होय टोंटा नहीं बंजैं"।
"तामस तडक साध कैं नाहीं"।
"बदफैलौं देख साध नहीं हंसै"।
"साध तौ सत्त शब्द भेदी, झूंठ सै नहीं काम"।
"और भरमना छांड दे तू, साध नाम कहाव"।
"संहस भरमना छांड दे, तोय सत्त सै आराम"।
"महादेव कहैं हम साध कहामैं"।
साध वही है जो मालिक के हुकम, हर समय, हर हाल में, अपने चित पर रक्खे।
कोई भी गलत काम न करे।
जहॉ गलत काम हो रहे हों, वहॉ कदापि न जाये।
किसी भी गलत काम से अपने को सदैव्य दूर रक्खे।
गुस्सा क्रोध अहंकार करना साध का काम नहीं है।
साध का काम है, चलते, फिरत, उठते, बैठते, जैसे भी हो, जितना बन पडे, जितना हो सके, ज्यादा से ज्यादा, मालिक का नाम ले।
सन्त बता रहे हैं कि, संसार में तरह तरह के भरम भटकाव हैं, संहस देवी देवताओं का जाप, पूजा, अर्चना हैं।
साध को इन बातों से अपने को दूर रखकर "सत्तअबगत" नाम जपना है।
इस नाम के लेने से ही आराम मिलेगा।
महादेव को जब ब्रह्मा ने अपने जग में बुलाया।
महादेव ने इन्कार कर दिया, वह वहॉ नहीं गये।
क्योंकि वहाँ मांस का सेवन होना था।
यही कसौटी हमारे लिये भी है।
हम पूर्ण निर्भीकता से गलत को गलत कहें।
हम भी हर गलत काम से अपने को दूर रक्खें।
"जामैं शब्द का पारखूं, कोई क्रोडा मंझे"।
"साध की साधना कठिन भाई"।
सत्तनाम।
राजमुकट साध
सादा जीवन उच्च विचार।
"साध शीतल बानी बोलै"।
"साध होय टोंटा नहीं बंजैं"।
"तामस तडक साध कैं नाहीं"।
"बदफैलौं देख साध नहीं हंसै"।
"साध तौ सत्त शब्द भेदी, झूंठ सै नहीं काम"।
"और भरमना छांड दे तू, साध नाम कहाव"।
"संहस भरमना छांड दे, तोय सत्त सै आराम"।
"महादेव कहैं हम साध कहामैं"।
साध वही है जो मालिक के हुकम, हर समय, हर हाल में, अपने चित पर रक्खे।
कोई भी गलत काम न करे।
जहॉ गलत काम हो रहे हों, वहॉ कदापि न जाये।
किसी भी गलत काम से अपने को सदैव्य दूर रक्खे।
गुस्सा क्रोध अहंकार करना साध का काम नहीं है।
साध का काम है, चलते, फिरत, उठते, बैठते, जैसे भी हो, जितना बन पडे, जितना हो सके, ज्यादा से ज्यादा, मालिक का नाम ले।
सन्त बता रहे हैं कि, संसार में तरह तरह के भरम भटकाव हैं, संहस देवी देवताओं का जाप, पूजा, अर्चना हैं।
साध को इन बातों से अपने को दूर रखकर "सत्तअबगत" नाम जपना है।
इस नाम के लेने से ही आराम मिलेगा।
महादेव को जब ब्रह्मा ने अपने जग में बुलाया।
महादेव ने इन्कार कर दिया, वह वहॉ नहीं गये।
क्योंकि वहाँ मांस का सेवन होना था।
यही कसौटी हमारे लिये भी है।
हम पूर्ण निर्भीकता से गलत को गलत कहें।
हम भी हर गलत काम से अपने को दूर रक्खें।
"जामैं शब्द का पारखूं, कोई क्रोडा मंझे"।
"साध की साधना कठिन भाई"।
सत्तनाम।
राजमुकट साध