*साध जोगीदास बीरभान जी*
त्रेता युग में कृष्ण जी और बलभद्र जी के नाम से जाहिर हुए अब विक्रमी सम्वत १७०० के अनुमान उनका जन्म राजिस्थान राजपूताना जयपुर राज्य में बीजासर कासली में माता योमती पिता गोपाल सिंह के यहां हुआ, यहां जोगीदास बीरभान के नाम से प्रसिद्ध हुए !!
संवत १७१४ में आपकी इच्छा उदादास के रुप में प्रकट हुई और इन संतों को
ज्ञान दर्शाया, उदादास बाबा ने जो निज घर के ज्ञान का अनुभव इन संतों को दिया वही सच्चा ज्ञान वांडियों के रूप में संग्रह है!!
१_ मेहनत और ईमानदारी
शुद्ध धंधे की कमाई और शुद्ध कपड़े पहिंनना!
२_एकाग्रता से सत का ध्यान, सत्य बोलना और सच्ची करतूत करना!!
३_ निर्वाण ज्ञान का विश्वाश करना !!
४_साध संगत का अदब करते हुऐ उनकी संगत करना !!
५_कुटुंब और सबसे निस्वार्थ भावत से प्रेम करना!!
६_ इंद्रियों का दमन और क्रोध का त्याग !!