प्रकृति का पहला नियम
यदि खेत में बीज न डालें जाएं तो कुदरत उसे घास-फूस से भर देती हैं ।
ठीक उसी तरह से दिमाग में सकारात्मक विचार न भरे जाएँ तो नकारात्मक विचार अपनी जगह बना ही लेती है ।
प्रकृति का दूसरा नियम
जिसके पास जो होता है वह वही बांटता है।
सुखी "सुख "बांटता है
दुःखी "दुःख " बांटता है
ज्ञानी "ज्ञान" बांटता है
भ्रमित "भ्रम "बांटता है
भयभीत" भय "बांटता हैं
प्रकृति का तिसरा नियम
आपको जीवन से जो कुछ भी मिलें उसे पचाना सीखो क्योंकि
भोजन न पचने पर रोग बढते है।
पैसा न पचने पर दिखावा बढता है
बात न पचने पर चुगली बढती है ।
प्रशंसा न पचने पर अंहकार बढता है।
निंदा न पचने पर दुश्मनी बढती है ।
राज न पचने पर खतरा बढता है ।
दुःख न पचने पर निराशा बढती है ।
और सुख न पचने पर पाप बढता है ।
बात कडुवी बहुत है पर सत्य है
☘☘☘☘☘☘☘☘☘
*इंसानियत इन्सान को*
*इंसान बना देती है ,*
*लगन हर मुश्किल को*
*आसान बना देती है ।*
*लोग यूँ ही नहीं जाते*
*मंदिरों में पूजा करने*
*आस्था ही तो पत्थर को*
*भगवान बना देती है ।*
🙏🏻☘☘☘☘☘☘
Gyan | Gyan Varta | Satsang | Vichar | Sadh Samachar | Though | News | Technology | Computers | Internet |