अहंकार कैसा आता हैं

अहंकार कैसा आता हैं??
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जब हम अपने को बॉस समझते हैं तो हमे अहंकार आता है कि मैं राइट हु मैं जो बोलता हूं केवल वही सही लगता है।
अहंकार व्यक्ति से सब दूर भागते हैं।अहंकारी व्यक्ति के कोई भी मित्र बनना नही चाहता।
अहंकारी को क्रोध भी बहुत आता है।
अहंकार एक प्रकार का अंधापन है जिसके हम केवल अपने को देखते हैं दूसरे को।देखते हैं लेकिन दुसरो को समझ नही सकते।
अहंकार व्यक्ति को जीवन भर के लिये अकेला बना देते हैं
अहंकार व्यक्ति सदा यही सोचता है मै ही अच्छा हु
मै बड़ा हु उसके नजरो में बहुत भेद भाव होता

जैसे गरीब भिखारी छोटा बड़ा जूनियर कमजोर बेअक्ल अहंकार व्यक्ति अपने को इतना अच्छा लगता है कि दूसरों को छोटा समझने के कारण उनकी विशेषता दिखता ही नही

उन्हें हर व्यक्ति के केवल अवगुण ही दिखते हैं

और जितना हम अवगुण देखते हैं उतना ही जल्दी हम अवगुणी आत्मा बन जाते है

अहंकार में आना अर्थात अपने अंदर सभी अवगुणों का आह्वान करना।

जिनको अहंकार है उन्हें बार बार अपमान की फीलिंग आती रहती है

अहंकार और अभिमान :-
अहंकार की मैं बड़ा और श्रेष्ठ हु और अभिमान है यह है कि ये मेरी पत्नी है और ये मेरे बच्चे हैं तो मेरा कहना मानना ही होगा।
लेकिन आज यह सम्भव नही है तो समझ सकते कि वो सम्बन्धो को दोष देकर खुद दुखी रहते है कि मानते ही नही।

अहंकार और शुद्ध अहंकार में ज्यादा difrence नही की हम अपने को भी श्रेष्ठ समझते हैं और दूसरों को भी उची नजरो से देखते हैं तो स्वत हमे सर्व के गुण दिखाई देता है

और जब हम दूसरों को सम्मान देते हैं तो स्वत सम्मान मिलता हैं