शक्ति केन्द्र

शक्ति केन्द्र

-हमारे दिमाग में शांति, सुख, प्रेम व  आनँद के शक्ति केन्द्र  है । अगर हमारा  दिमाग वहाँ पहुँच जाये तो हमें सदा  ही शांति रहेगी ।  दुख का नाम नही होगा ।

-जब  एक्सीडेंट  आदि होता है तो हम बेहोश हो जाते है । ये बेहोश होना अर्थात  हमें इतना दुख होता है जो असह्वा  होता है और दिमाग बहुत गहरा  चला  जाता है जहां  कोई दुख नही होता । दिमाग वहाँ चला  गया जहाँ  शांति का केन्द्र है ।

-कोमा मे चले जाना अर्थात मन दुख से बचने के लिये इतना  गहरा शांति केन्द्र में   चला  जाता है  जहां से वापिस नही आ सकता  ।

-दिमाग मे  एक ऐसा शक्ति केन्द्र  है जो हमारी  आंतरिक क्रियाओ   को चलाता है । जिससे दिल धड़कता है, हम अपने आप सांस  लेते हैं । नाड़ी अपने आप  चलती है । खून अपने आप चलता  है ।

-ऐसे ही शांती , सुख, प्रेम व  आनंद  के भी शक्ति   केन्द्र  है । वहां पहुचने के बाद ये केन्द्र  अपने  आप काम  करते है ।

-इस लिये दिन मे बार बार पॉज़िटिव सुझाव दो ।

 - हे मन तू  उस केन्द्र मे पहुंच  जा जहां अथाह  शांति है ।

-हे मन तू उस केन्द्र  मे पहुँच जा जहां कोई रोग नही ।

-हे मन तू उस केन्द्र  में  पहुँच जा,  जहां भगवान ऑटोमेटिक याद आता  रहे। सदा ही लिंक जुड़ा  रहे ।।

- हे मन तुम उस केन्द्र मे पहुँच जाओ जहां  ज्ञान का भण्डार  है ।

-हमें  सुबह चार  बजे बस पकडनी हो  तो सारी रात निश्चिन्त  हो कर सो  नही पाते  क्योंकि दिमाग सारी रात सुबह चार बजे उठाने  मे लगा रहता है ।

-आत्मा  समुन्द्र  जितनी विशाल  है ।

-शक्ति केन्द्र  कहीं गहराई   मे छिपे है । दिमाग को ढूढने  मे टाइम लगता है । इसलिये बार बार सुझाव  देने है ।

-बाबा  को याद करना अर्थात शक्ति केन्द्रों को एक्टीवेट करना है ।

- सारे स्वमान और  कुछ नही सिर्फ़ शक्ति केन्द्रों   मे जाना  है उसे   आक्टीवेट   करना ही तो है ।

-वरदान क्या है, सिर्फ शक्ति केन्द्र  को एक्टीवेट करना ही तो है ।

-मनन चिंतन करना शक्ति केन्द्र  का दरवाजा खोलना  ही तो है ।

- आत्म अभिमानी  बनना माना  शक्ति केन्द्रों रूपी समुन्दर  में प्रवेश  करना ही तो है ।

-सतयुग और कुछ  नही दिमाग के सारे  शक्ति केन्द्रौ का खुल   जाना ही तो   है ।

-जीवन  में जो भी  समस्या आये, उसका  जो शक्ति केन्द्र है, अपने को वहां जाने लिये स्व सुझाव  देते रहो । उसी विचार  पर दृढ़ रहो ।

-आप जीवन में क्या चाहते  है,.शांति, प्रेम, सुख, आनंद,  खुशहाली ( नौकरी ).या  स्वास्थ्य । 
-शिव बाबा या ईष्ट  को  कल्पना में सामने देखते हुये, चाहे गये  एक शब्द को दिमाग में रिपीट करते  रहो और सोचते रहो, इसे प्राप्त करने लिये क्या क्या क़दम उठाने है, वह सब करते रहो । आप की मन मुराद  पूरी होगी ।