प्रकृति का तीसरा नियम
हमको जीवन से जो कुछ भी मिलें उसे पचाना सीखें क्योंकि भोजन न पचने पर रोग बढते है!पैसा न पचने पर दिखावा बढता है!
बात न पचने पर चुगली बढती है!प्रशंसा न पचने पर अंहकार बढता है!निंदा न पचने पर दुश्मनी बढती है!
राज न पचने पर खतरा बढता है!दुःख न पचने पर निराशा बढती है!और सुख न पचने पर पाप बढता है!
बात कडुवी बहुत है पर सत्य है!