*"हर मुट्ठी में हरियाली, हर दिल में जिम्मेदारी"*
*प्रिय प्राचार्यगण और शिक्षकों,*
इस मानसून, आइए हम अपने स्कूलों के बच्चों के साथ मिलकर एक हरित क्रांति की शुरुआत करें *बीज लड्डू* *(Seed Ball* ) परियोजना। यह पहल न केवल पर्यावरण संरक्षण का प्रतीक बनेगी, बल्कि करनाल को पूरे भारत में पहचान दिला सकती है।
✅ *बीज लड्डू कैसे बनाएं सरल प्रक्रिया:*
1. सामग्री:
* देसी मिट्टी या काली उपजाऊ मिट्टी – 5 भाग
* गोबर की खाद या कम्पोस्ट – 1 भाग
* बीज (स्थानीय पेड़-पौधों के) – 1 भाग
* थोड़ा पानी (गाढ़ा गूंथने के लिए)
2. विधि:
* सभी सामग्री को अच्छी तरह मिलाएं।
* नींबू या आंवले के आकार के गोले बनाएं।
* धूप में 2-3 दिन सूखने दें (बरसात से पहले ही तैयार करें)।
⚠️ *सावधानियां:*
* बीज स्थानीय और मौसमी पेड़-पौधों और बेलों के ही हों, जैसे कि:
* नीम, पीपल, आम, जामुन, बेल, अर्जुन, अमलतास, गुलमोहर, बबूल, शीशम, लौकी, करेला, कद्दू.
* रोगग्रस्त या सूखे बीज न डालें।
* सीड बॉल ज्यादा सख्त न बनाएं मिट्टी में टूटकर बीज अंकुरित होना चाहिए।
* बीज ज्यादा गहरे न दबाएं।
🌧️ *सीड बॉल कहां फेंकें (थ्रोइंग टिप्स):*
* खाली मैदान, सड़क किनारे की ज़मीन, स्कूल की बाउंड्री, रेलवे लाइन किनारे, तालाब के पास की मिट्टी, पार्क या गौशालाओं के आसपास
* खेतों में न फेंकें जब तक किसान अनुमति न दें।
* ऐसी जगहें चुनें जहाँ लोग उन्हें न हटाएं या मवेशी न खा जाएं।
🌱 *परिणाम और बच्चों की सहभागिता*
* बच्चों को खुद बीज लड्डू बनाने, सुखाने और फेंकने में शामिल करें।
* *उन्हें समझाएं कि वे "धरती के सच्चे सिपाही" हैं।*
* स्कूल ग्रुप्स बनाकर नजदीकी क्षेत्रों में फेंकने ले जाएं।
* बच्चों को फोटो और वीडियो के साथ दस्तावेज़ित करने दें यह उनके लिए गर्व का विषय होगा।
📸 फोटो और फाइनल परिणाम:
* कृपया बीज लड्डू निर्माण, बच्चों की थ्रोइंग एक्टिविटी और हरे अंकुरों की तस्वीरें भेजें।
* *हम सब मिलकर इसे मीडिया और सरकारी प्लेटफॉर्म तक पहुंचाएंगे*
🎯 चलो करनाल को प्रदेश का रोल मॉडल बनाएं!
*"हर बच्चा बीज बोएगा, हर कोना हरा होगा!"*
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