🌹🌷संत कहते है को्ध ही सबसे बड़ा पापी और सब कुछ खा जाने बाला है इसे हीअपना दुशमन मानो संत कहते हैं कि हर इनसान दुनिया दारी की इचछाओं से लैस होता है।
इचछाये इसमें कूट कूट कर भरी है।जैसे ही एक इचछा पूरी होती है।दू,सरी पैदा हो जाती है।इनसान का जीवन खत्म हो जाता है, लेकिन इच्छाये पूरी होने पर थोड़ी देर की खुशी . की सचचाई का गयान ही नही होता।ऐसे गुण इनसान के गयान को खा जाते है।गुस्सा एक तुफान की तरह होता है, जब आता है, सब तहस, नहस कर देता है।बाहर तो नुकसान करता ही है,इनसान के दिल और दिमाग को भी हिलाकर उसे बीमार कर देता है।जब गुससे का तूफान आकर गुजर जाता है तो पीछे सिर्फ ताुख छोड़ जा ता है।किसी को जलाने के लिए पहले खुद जलना है। गुस्सा भी ये स ही है जिस पर किया जाता है, उसको अंदर तक हिला देता है।और जो करता है, वो भी हिल जाता है।इनसान जब पाप करता है।गुस्से में ही करता है ।पृम मे कभी भी पाप नहीं होता।यह कोध ही इनसान को पापी बनता है ।इसलिये यह हमारे साथ रहने वाला हमारा सबसे बड़ा दुशमन है।
Gyan | Gyan Varta | Satsang | Vichar | Sadh Samachar | Though | News | Technology | Computers | Internet |