हर दम सांस पर सत अवगत नाम होना

*जिन सत्तनाम सही कर लिया,
              धन धन साधौ उनका जीआ*
सत्तनाम,- यानी 'सत्तअबगत' नाम।
सही कर लिया, यानी पूर्ण आस्था, विस्वास, जुगती और साधनाओं के साथ।
हर दम सांस पर, 'सत्तअबगत' नाम होना, और यह मानना कि, यही वह नाम है, जो हमें, उस कर्त्ता से जोड़ता है, जिसकी यह कायनात है।
सारे जहाँन के पालनहार, रक्षा, और महर करने बाले, अबगत आप ही हैं,  उनके जाप, सुमरन, ध्यान, और बंदगी, को अपना लक्ष मानना ही, साध का धर्म है।
बंदगी के लिये, 'सत्तअबगत' नाम, को जुगती और साधनाओं की पकड़ के साथ  अपने ह्रदय में बसाना जरूरी है।
संसार के सारे जंजालों को त्यागकर,
ह्रदय में नाम की लौ लगाकर, जिसने पूरी सुचेती के साथ नाम को लिया,
संत कह रहे हैं कि, ऐसे साधों का जीवन धन्न हो गया।
"अबगत जोगी लगन लखैं"।
सृष्टिकर्त्ता अबगत आप सबकी लगन और करनी, लख रहे है।
हमारे सारे कारज, मालिक पर पूरा विस्वास करने, और 'सत्तअबगत' नाम जपने से ही बनेंगे।
यही एक मात्र वह नाम है, जो सारी बाधाओं, और कसर को दरकिनार कर, हमें भवसागर पार करा सकता है।
"हिरदे नाम लौ लाय, जंजाल कौ छाँड़, सत्तनाम सम्हार, सत्त शब्द की कार सै जनम अच्छा"।
सत्तनाम।(राजमुकट साध)।