बन्दे का दिल दरिया के समान बड़ा और शांत होता है

*बन्दा दिल रा होय दरियाव,
                    झलरारी झाल भरी*
बन्दे, यानी हुकमी, (चाकर और दास)।
बन्दे का दिल दरिया के समान बिशाल, और शांत होता है।
जिस तरह दरिया में हर समय लहरें, और तरंगें उठती हैं।
उसी तरह बंदे के दिल में, हर समय उमंगें और मौजें होती हैं।
दरिया शांति और शीतलता का प्रतीक है।
दरिया कभी अपनी सीमा लाँघकर, किसी का अहित नहीं करता।
उसी प्रकार बंदे भी सदां मर्यादा में रहकर, अपने मालिक के चाँहे को देखते हैं।
कोई भी परिस्थिती, कठिन हो, या आसान, बन्दे कभी बिचलित नहीं होते।
"पृथ्वी कौ परत नबै नहीं बन्दा, तौ नाम के नाके नैसी"।
बन्दे संसार के किसी भी चमत्कारी मनुष्य या वस्तु को कभी नहीं नबते।
मालिक सन्मुख बिराज मान हों तो, बन्दे उनके चरनौं में सिर नबा कर, डन्डौत कहते हैं।
मालिक के सन्मुख नहीं होने पर, बंदे उनके नाम के द्वारा नबते, यानी डन्डबत करते हैं।
"बंदा होय और लाजिम आवै, जाहिर करै तकसीर बक्सावै"।
मालिक में पूर्ण आस्था और स्नेह रखने बाले बन्दे, कभी कोई गलती नहीं करते,
अगर भूल भटक कोई गलती हो भी जाये, तो वह उसी समय, अपनी गलती मालिक के समक्ष प्रस्तुत कर, गुनाह मांफ कराते हैं।
सत्तनाम।