अच्छे लेख लिखना, ग्यान जोग, अच्छी बातें करना, अच्छा है

*समाज सुधार*
अच्छे लेख लिखना, ग्यान जोग, अच्छी बातें करना, अच्छा है।
मगर जब तक हम ठोस कुछ नहीं करेंगे, तब तक अच्छे परिणाम नहीं निकल सकते।
उसके लिये हमें पहले, अपने उन रिस्ते नातेदारों को समझाना होगा, जो गलत राह अपना चुके हैं।
जब हम अपने दायरे में, अपनों  से मिलकर, उन्हें समझा बुझाकर, उन्हें सही और गलत का वोध करायेंगे, तब ही हमारा उदेश्य सफल होगा।
अपने व अपने रिस्तेदारों के  बच्चों में सुधार के बीज बो कर हम समाज सुधार की नीव डालने की पहल करें। 
सिर्फ अच्छी बातों से काम बननें बाला नहीं है।
अच्छीं सैधान्तिक बातें, सिर्फ सराहना प्राप्त करती हैं।
ठोस कार्यवाही करके ही उदेश्य पूर्ण होते हैं।
 बातें करो, मगर साथ ही क्रियाशील बनों।
मारग कठिन जरूर है, मगर नामुमकिन भी नहीं है।
करने बाले कठिनाईयों से नहीं डरते।
जो चलते हैं मंजिल वही पाते हैं।
सत्तनाम।
राजमुकट साध