मालिक दाता से अगाध प्रेम, उन पर अटूट विश्वास, पल पल उनके चाहे को देखना

 मालिक दाता से अगाध प्रेम, उन पर अटूट विश्वास, पल पल उनके चाहे को देखना और स्वयं को अहंकार रहित करके अपना तन मन अपने गुरू के चरनों में सौंपना ही सही मायने में सच्चा समर्पण है..

सत्तनाम