लम्हों ने खता की, सदियों ने सजा पायी।
बडों ने जो बोया है, छोटों ने वही काटा हैं।
हम जो बो चुके या बोने जा रहे हैं।
हमारी आने बाली पीढियां वही काटेंगी।
मेल प्रेम,भाई चारे की फसलें, जब ही लह लहायेंगी।
जब घृणा और नफरत समूल नष्ट हो जायेगी।
स्वत: कुछ नहीं होता सब कुछ करना पडता है।
गलत काम का नतीजा कभी अच्छा नहीं होता।
बोया पेंड बबूल का तौ आम कहॉ सै खाय।
हमेंशा अच्छा सोंचो,अच्छा करो।
शान्त रहोगे तो अच्छा ही पाओगे।
हमता, ममता, दुश्मन भारी, मान मगज हैं, बडी बीमारी।जीतै इनसै बडा खिलाडी, हार गया वह रहा अनाडी।
सत्तनाम
राजमुकट साध
बडों ने जो बोया है, छोटों ने वही काटा हैं।
हम जो बो चुके या बोने जा रहे हैं।
हमारी आने बाली पीढियां वही काटेंगी।
मेल प्रेम,भाई चारे की फसलें, जब ही लह लहायेंगी।
जब घृणा और नफरत समूल नष्ट हो जायेगी।
स्वत: कुछ नहीं होता सब कुछ करना पडता है।
गलत काम का नतीजा कभी अच्छा नहीं होता।
बोया पेंड बबूल का तौ आम कहॉ सै खाय।
हमेंशा अच्छा सोंचो,अच्छा करो।
शान्त रहोगे तो अच्छा ही पाओगे।
हमता, ममता, दुश्मन भारी, मान मगज हैं, बडी बीमारी।जीतै इनसै बडा खिलाडी, हार गया वह रहा अनाडी।
सत्तनाम
राजमुकट साध