मैहर भई हरिदास उपर दिया सत्त का ध्यान



सत् अबगत का धयान ब्रह्मा करै ।
बिसन शंकर देबी देब सारा ।।
दस औतार रिषी मुनी नारद ।
सत्त अबगत्त का ध्यान धारा ।।
ध्यान धरते रहो सत्त जपते रहो

धयान बानी ( साध अनरुद दास )


मैहर भई हरिदास उपर दिया सत्त का ध्यान