अगर कोई इन्सान बहुत हंसता है , तो अंदर से वो बहुत अकेला है

गीता में लिखा है की ........
अगर कोई इन्सान बहुत हंसता है ,
तो अंदर से वो बहुत अकेला है
अगर कोई इन्सान बहुत सोता है ,
तो अंदर से वो बहुत उदास है
अगर कोई इन्सान खुद को बहुत मजबूत
दिखाता है और रोता नही ,
तो वो अंदर से बहुत कमजोर है
अगर कोई जरा जरा सी बात पर
रो देता है तो वो बहुत मासूम और
नाजुक दिल का है
अगर कोई हर बात पर नाराज़
हो जाता है तो वो अंदर से बहुत
अकेला और जिन्दगी में प्यार
की कमी महसूस करता है
लोगों को समझने की कोशिश
कीजिये ,जिन्दगी किसी का इंतज़ार
नही करती , लोगों को एहसास कराइए
की वो आप
के लिए कितने खास हैे!!!