Satinder Sadh
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हे मेरे मालिक सिरजनहार
थोड़ी - थोड़ी देर में अंतर्मन में कहते रहें - हे दाता ! हे मेरे मालिक सिरजनहार ! मैं आपको भूलूँ नहीं । मैं सत् करतार का हूँ और केवल सत् करतार ही मेरे अपने हैं । इस अपने पन के समान कोई भी योग्यता, पात्रता, अधिकारिता आदि कुछ भी नहीं है । यह सम्पूर्ण साधनों का सार है, बहुत वर्षों का काम मिनटों में हो जाये ।
समय का सदुपयोग करो
सांसारिक बातें
भीड देखकर कौरवों की तरफ खडे हो जाना बहुत आसान है, परंतु सच का साथ देने के लिए श्री कृष्ण जैसा जिगर चाहिए ...!
समय का सदुपयोग करो
कौन, कहाँ, कब, किस वक्त साथ छोड़ देगा तुम्हें पता भी नहीं चलेगा, फिर ज़िंदगी भर तुम्हारी आँखें उसे देखने को तरसेंगी, जो तुम्हारा प्रिय है समय रहते उसके साथ खूब जी लो
अकसर देखा जाता है जब इंसान सामने होता है तब हम उसकी कद्र नहीं करते और जब वह चला जाता है तो उसको याद कर उसकी तारीफ के पुल बांधते है
आज भी सम्हल जाए हमारे पास समय नहीं है समय रहते चेत जाए जो हमारे बीच संत मौजूद है उनके कहे विचार को सुने , समझे, अनुभव करे तो हम भी आवागमन से मुक्ति के लिए आगे बढ़ सकते है और अगली पीढ़ी के लिए मिशाल बन सकते है
अगर तुम किसी को पसंद नहीं करते तो भी यह देखो वह क्या सुना रहा यह मत देखो कौन सुना रहा
बस फिर क्या हमे खुद को पहचान ने का रास्ता मिल जाएगा रास्ता ज्ञान द्वारा और संगत द्वारा ही मिलता है जिस दिन यह जान गए हम कौन है,
हम शरीर नहीं हम ब्रह्म है बस
फिर इस संसार और शरीर को मोह मिट जाएगा और मालिक ही मालिक होंगे
रहो नित सत केआधार
1*आप सभी को 👦👧👩👴सत्तनाम* 🙏🙏
*सतअबगत सत्तनाम सदा सही ✔* 🌷 🙏🙏
*रहो नित सत केआधार* 🌳🌳🌳🌳🌳🌳
*मालिक सच्चे दाता, सतगुरु उदादास बाबा, सतअबगत, सत्तनाम, परमपिता परमेश्वर की दया से आज का सुविचार है!* 👇
✍️.......*"कल"* खो दिया *"आज"* के लिए,
*"आज"* खो दिया *"कल"* के लिए...!
कभी *"जी"* ना सके *"आज"* के लिए,
*"बीत"* रही हैं *"जिंदगी"* कल,आज और कल के लिए...!!
✍️......*"सत्संग"* का अर्थ हैं *"सत्य"* की जानकारी रखने वालों का संग,
*"जीवन"* को *"ऊंचाई"* की तरफ ले जाने वालों का संग...!
यह नहीं की *"भीड़"* में जाकर बैठ जाए और *"जीवन"* में कुछ उतारे ही नहीं
*"ख़ुद"* को बदलने की सबसे ऊंची *"प्रक्रिया"* का नाम हैं सत्संग...!!
*आप सभी को 👦👧👩👴सत्तनाम* 🙏🙏
*सतअबगत सत्तनाम सदा सही ✔* 🌷 🙏🙏
यदि आप नहीं जानते हैं तो पूछिये
यदि आप नहीं जानते हैं तो पूछिये,*
*यदि आप किसी बात से सहमत नहीं है तो चर्चा करिये,*
*यदि आपको कुछ पसंद नहीं है तो बताइये,*।
*लेकिन चुप रहकर किसी निर्णय तक मत पहुँचिये,*
*जिंदगी आसान नहीं होती इसे आसान बनाना पड़ता है*.....
*कुछ 'अंदाज' से ओर*,
*कुछ नजर अंदाज 'से !!*
🙏 *सुबह की नमस्ते* 🙏
सभी मनुष्य प्राणियों के स्थूल शरीर सत् करतार
सभी मनुष्य प्राणियों के स्थूल शरीर सत् करतार के सूक्षम में विराजमान होने के लिए उपयुक्त है । प्रायः गलती हमसे यह होती है की हम स्थूल शरीर के बाहरी रंग रूप स्वाँग आडम्बर पे चले जाते है जिससे हमें कोई सरोकार होना नहीं चाहिए प्रत्युत हमे तो प्रत्येक स्थूल खोल में सूक्षम रूप से विराजमान सत् करतार को देखना है ।
*सत्संग का चमत्कार*
प्रेमाभक्ति की अनुभूति का एक ही उपाय है, और वह यह है कि सत् करतार के साथ अनन्य भाव से अपना पन हो जाय । सत् करतार के सिवाय और किसी में भी अपना पन न रहे ।
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