जिन प्राणी ने संसार

   संसार

जिन प्राणी ने संसार, शरीर, मन, बुध्दि से अपना संबंध मान लिया इसका मतलब वोह संसार से जुड़े है, और भक्ती मार्ग से बहुत दूर है!!

और जिसको ज्ञान हो गया इस शरीर में जो ब्रह्म बैठा है, वही शब्द है, वही सच्चा स्वरुप है, उसे इस कच्चे शरीर की फिक्र नहीं रहेंगी, उसके अंदर भक्ती का भाव रहेगा, कोई चिंता फिक्र नहीं रहेंगी, क्योंकि उसे अपने अमिट स्वरुप का ज्ञान और विश्वाश हो गया!!

 *क्योंकि* *साध* *शरीर* *नही* *है* *ब्रह्म* *ही* *साध* *है* !!