एक राज्य के राजा ने अपनी बढ़ती उम्र

💐🦚प्रेरणात्मक कहानी🦚💐


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एक राज्य के राजा ने अपनी बढ़ती उम्र को देखकर, यह फैसला किया की वह राज-पाठ से सन्यास ले लेगा।
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परन्तु उसका कोई पुत्र नहीं था जिसे वह राज्य सौप कर जिम्मेदारी से मुक्त होता।

राजा की एक पुत्री थी जिसकी विवाह की योजना भी राजा को बनानी थी।

इसलिए उसने मंत्रियों को बुलवाया और कहा की कल प्रातः जो भी व्यक्ति सबसे पहले इस नगर में प्रवेश करेगा..

उसे यहाँ का राजा नियुक्त किया जाएगा, और मेरी पुत्री का विवाह भी उसी के साथ कर दिया जायेगा।

फिर अगले दिन राज्य के सैनिकों ने फटेहाल कपड़े पहने एक युवक को ले आये और उसका राज्य अभिषेक किया गया।

राजा अपनी पुत्री का विवाह उस युवक के साथ करके, जिम्मेदारियों को सौंप कर स्वयं वन प्रस्थान कर गए।

धीरे-धीरे समय बीतता गया और उस युवक ने राज्य की बागडोर संभाल ली और एक अच्छे राजा की तरह राज्य की सेवा में लग गया।

उस महल में एक छोटी सी कोठरी थी, जिसकी चाबी राजा हमेशा अपने कमर में लटकाये रहता था।

सप्ताह में एक बार वह उस कोठरी में जाता.. आधा एक घंटा अंदर रहता और बाहर निकल कर बड़ा सा ताला उस कोठरी में लगा देता था, और अपने अन्य कार्यो में लग जाता।

इस तरह राजा के बार-बार उस कमरे में जाने से सेनापति को अचम्भा होता कि राज्य का सारा खजाना, सारे रत्न, मणि, हीरे, जवाहरात तो खजांची के पास है।

सेना की शस्त्रा गार की चाबी मेरे पास है और अन्य बहुमूल्य कागजातों की चाबी मंत्री के पास है।

फ़िर इस छोटे से कोठरी में ऐसा क्या है, जो राजा यहां हर सप्ताह अंदर जाता है। और थोड़ी देर बाद बाहर निकल आता है।

सेनापति से रहा नहीं गया उसने हिम्मत करके राजा से पूछा की राजन, यदि आप क्षमा करें तो यह बताइये कि उस कमरे में ऐसी कौन सी वस्तु है, जिसकी सुरक्षा की आपको इतनी फ़िक्र है।

राजा गुस्से से बोले सेनापति, यह तुम्हारे पूछने का विषय नहीं है, यह प्रश्न दोबारा कभी मत करना।

अब तो सेनापति का शक और भी बढ़ गया, धीरे-धीरे मंत्री और सभासदों ने भी राजा से पूछने का प्रयास किया परन्तु राजा ने किसी को भी उस कमरे का रहस्य नहीं बताया।

बात महारानी तक पहुंच गयी और आप तो जानते है की स्त्री हठ के आगे किसी की भी नहीं चलती, रानी ने खाना-पीना त्याग दिया और उस कोठरी की सच्चाई जानने की जिद करने लगी।

आख़िरकार विवश होकर राजा सेनापति व अन्य सभासदों को लेकर कोठरी के पास गया और दरवाजा खोला...

जब कमरे का दरवाजा खुला तो अंदर कुछ भी नहीं था सिवाय एक फटे हुए कपड़े के जो दीवार की खुटी पे लटका था

मंत्री ने पूछा की महाराज यहा तो कुछ भी नहीं है।

राजा ने उस फटे कपड़े को अपने हाँथ मे लेते हुए उदास स्वर में कहा कि यही तो है मेरा सब कुछ..


जब भी मुझे थोड़ा सा भी अहंकार आता है, तो मै यहाँ आकर इन कपड़ों को देख लिया करता हूँ।
मुझे याद आ जाता है की जब मै इस राज्य में आया था तो इस फटे कपड़े के अलावा मेरे पास कुछ भी नहीं था। तब मेरा मन शांत हो जाता है और मेरा घमण्ड समाप्त हो जाता है, तब मै वापस बाहर आ जाता हूँ।

अहंकार अग्नि के समान होता है, जो मनुष्य को अपने ताप से भस्म कर देता है। साथ ही जो व्यक्ति वास्तव में बड़ा होता है, वह अहंकार जैसे दोषों को अपने से दूर ही रखता है। ओम शांति।*🪴🪴🪴

बुजुर्ग व्यक्ति

🌳🦚 आज की कहानी🦚🌳


*💐💐बुजुर्ग व्यक्ति💐💐*


एक बुजुर्ग आदमी बुखार से ठिठुरता और भूखा प्यासा शिव मंदिर के बाहर बैठा था।

तभी वहां पर नगर के सेठ अपनी सेठानी के साथ एक बहुत ही लंबी और मंहगी कार से उतरे।
उनके पीछे उनके नौकरों की कतार थी।

एक नौकर ने फल पकडे़ हुए थे
दूसरे नौकर ने फूल पकडे़ थे
तीसरे नौकर ने हीरे और जवाहरात के थाल पकडे़ हुए थे।
चौथे नौकर ने पंडित जी को दान देने के लिए मलमल के 3 जोडी़ धोती कुरता और पांचवें नौकर ने मिठाईयों के थाल पकडे़ थे।

पंडित जी ने उन्हें आता देखा तो दौड़ के उनके स्वागत के लिए बाहर आ गए।

बोले आईये आईये सेठ जी,आपके यहां पधारने से तो हम धन्य हो गए।

सेठ जी ने नौकरों से कहा जाओ तुम सब अदंर जाके थाल रख दो।

हम पूजा पाठ सम्पन्न करने के बाद भगवान शिव को सारी भेंट समर्पित करेंगें।

बाहर बैठा बुजुर्ग आदमी ये सब देख रहा था।

उसने सेठ जी से कहा - मालिक दो दिनों से भूखा हूंँ,थोडी़ मिठाई और फल मुझे भी दे दो खाने को।

सेठ जी ने उसकी बात को अनसुना कर दिया।

बुजुर्ग आदमी ने फिर सेठानी से कहा - ओ मेम साहब थोडा़ कुछ खाने को मुझे भी दे दो मुझे भूख से चक्कर आ रहे हैं।

सेठानी चिढ़ के बोली बाबा,ये सारी भेटें तो भगवान को चढानें के लिये हैं।तुम्हें नहीं दे सकते,अभी हम मंदिर के अंदर घुसे भी नहीं हैं और तुमने बीच में ही टोक लगा दी।

सेठ जी गुस्से में बोले, लो पूजा से पहले ही टोक लग गई,पता नहीं अब पूजा ठीक से संपन्न होगी भी या नहीं।

कितने भक्ती भाव से अंदर जाने कि सोच रहे थे और इसने अर्चन डाल दी।

पंडित जी बोले शांत हो जाइये सेठ जी,इतना गुस्सा मत होईये।

अरे क्या शांत हो जाइये पंडितजी 
आपको पता है - पूरे शहर के सबसे महँंगे फल और मिठाईयां हमने खरीदे थे प्रभु को चढानें के लिए और अभी चढायें भी नहीं कि पहले ही अडचन आ गई।

सारा का सारा मूड ही खराब हो गया,अब बताओ भगवान को चढानें से पहले इसको दे दें क्या ? 

पंडितजी बोले अरे पागल है ये आदमी,आप इसके पीछे अपना मुड मत खराब करिये सेठजी चलिये आप अंदर चलिये, मैं इसको समझा देता हूँ। आप सेठानी जी के साथ अंदर जाईये।

सेठ और सेठानी बुजुर्ग आदमी को कोसते हुये अंदर चले गये।

पंडित जी बुजुर्ग आदमी के पास गए और बोले जा के कोने में बैठ जाओ, जब ये लोग चले जायेगें तब मैं तुम्हें कुछ खाने को दे जाऊंगा।

बुजुर्ग आदमी आसूं बहाता हुआ कोने में बैठ गया।

अंदर जाकर सेठ ने भगवान शिव को प्रणाम किया और जैसे ही आरती के लिए थाल लेकर आरती करने लगे,तो आरती का थाल उनके हाथ से छूट के नीचे गिर गया।

वो हैरान रह गए

पर पंडित जी दूसरा आरती का थाल ले आये।

जब पूजा सम्पन्न हुई तो सेठ जी ने थाल मँगवाई भगवान को भेंट चढानें को,पर जैसे ही भेंट चढानें लगे वैसे ही तेज़ भूकंप आना शुरू हो गया और सारे के सारे थाल ज़मीन पर गिर गए।

सेठ जी थाल उठाने लगे,जैसे ही उन्होनें थाल ज़मीन से उठाना चाहा तो अचानक उनके दोनों हाथ टेढे हो गए मानों हाथों को लकवा मार गया हो।

ये देखते ही सेठानी फूट फूट कर रोने लगी,बोली पंडितजी देखा आपने,मुझे लगता है उस बाहर बैठे बूढें से नाराज़ होकर ही भगवान ने हमें दण्ड दिया है।

उसी बूढे़ की अडचन डालने की वजह से भगवान हमसे नाराज़ हो गए।

सेठ जी बोले हाँ उसी की टोक लगाने की वजह से भगवान ने हमारी पूजा स्वीकार नहीं की।

सेठानी बोली,क्या हो गया है इनके दोनों हाथों को,अचानक से हाथों को लकवा कैसे मार गया,
इनके हाथ टेढे कैसे हो गए,अब क्या करूं मैं ? ज़ोर जो़र से रोने लगी -

पंडित जी हाथ जोड़ के सेठ और सेठानी से बोले - माफ करना एक बात बोलूँ आप दोनों से - भगवान उस बुजुर्ग आदमी से नाराज़ नहीं हुए हैं,बल्की आप दोनों से रूष्ट होकर भगवान आपको ये डंड दिया है।

सेठानी बोली पर हमने क्या किया है ?

पंडितजी बोले क्या किया है आपने ? मैं आपको बताता हूं

आप इतने महँंगे उपहार ले के आये भगवान को चढानें के लिये
पर ये आपने नहीं सोचा के हर इन्सान के अंदर भगवान बसते हैं।

आप अन्दर भगवान की मूर्ती पर भेंट चढ़ाना चाहते थे,पर यहां तो खुद उस बुजुर्ग आदमी के रूप में भगवान आपसे प्रसाद ग्रहण करने आये थे। उसी को अगर आपने खुश होकर कुछ खाने को दे दिया होता तो आपके उपहार भगवान तक खुद ही पहुंच जाते।

किसी गरीब को खिलाना तो स्वयं ईश्वर को भोजन कराने के सामान होता है।

आपने उसका तिरस्कार कर दिया तो फिर ईश्वर आपकी भेंट कैसे स्वीकार करते..... 

*सब जानते है किे श्री कृष्ण को सुदामा के प्रेम से चढा़ये एक मुटठी चावल सबसे ज़्यादा प्यारे लगे थे*

अरे भगवान जो पूरी दुनिया के स्वामी है,जो सबको सब कुछ देने वाले हैं,उन्हें हमारे कीमती उपहार क्या करने हैं,वो तो प्यार से चढा़ये एक फूल,प्यार से चढा़ये एक बेल पत्र से ही खुश हो जाते हैं।

उन्हें मंहगें फल और मिठाईयां चढा़ के उन के ऊपर एहसान  करने की हमें कोई आवश्यकता नहीं है।

इससे अच्छा तो किसी गरीब को कुछ खिला दीजिये,ईश्वर खुद ही खुश होकर आपकी झोली खुशियों से भर देगें।

और हाँं,अगर किसी माँंगने वाले को कुछ दे नहीं सकते तो उसका अपमान भी मत कीजिए क्यों कि वो अपनी मर्जी़ से गरीब नहीं बना है।

और कहते हैं ना - ईश्वर की लीला बडी़ न्यारी होती है,वो कब किसी भिखारी को राजा बना दे और कब किसी राजा को भिखारी कोई नहीं कह  सकता..!!



*सदैव प्रसन्न रहिये।*
*जो प्राप्त है, पर्याप्त है।।*
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फेंफड़े सुकड़ जाना, सांस फूलना, दम्मा, खांसी,

फेंफड़े सुकड़ जाना, सांस फूलना, दम्मा, खांसी, ऑक्सीजन की कमी, डेमेज फेंफड़े को दुबारा स्थिति में लाने वाले ये पांच चीज के मिश्रण से बनने वाले महा-औषधि के नाम से जाना जाता है। इस्तेमाल का तरीका :- छवि में दिये गये सभी समाग्री को एक साथ मिलाकर पाउडर बनाकर किसी कांच की बर्तन में सुरक्षित रख दें। रोज़ाना सुबह शाम 200ml गुनगुने दूध में 5 ग्राम पाउडर को घोल कर पिये ये लगातार दो महीने करने से फेंफड़े की तमाम शिकायत हमेशा के लिये समाप्त हो जाती है।

चिलगोजा एक ऐसा ड्राई फ्रूट है

चिलगोजा एक ऐसा ड्राई फ्रूट है जिसके बारे में शायद ही आपने इससे पहले देखा और सुना होगा!

चिलगोजा एक ड्राई फूड है जो पिस्ता और बादाम के आकार का होता है लेकिन उससे थोड़ा बड़ा होता है। इसे अंग्रेजी में पाइन नट्स (Pine Nuts) कहते हैं। चिलगोजा को नियोजा भी कहा जाता है। इसका वैज्ञानिक नाम पाइनस गिरार्डियना है।

हिमाचल प्रदेश का एक प्यारा सा शहर है किन्नौर! यही पाये जाते है चिलगोजा के पेड़! खासकर टापरी से लेकर पूह तक केवल सतलुज नदि के किनारे ही पाया जाता है। किन्नौर के अलावा भारत में कश्मीर के छोटे से हिस्से में भी चिलगोजा पाया जाता है। उधर नेपाल, अफगानिस्तान और चीन में भी कुछ सीमित क्षेत्रों में चिलगोजा पाया जाता है।

किन्नौर में नेयोजा के नाम से मशहूर

चिलगोजा को किन्नौर में नेयोजा के नाम से जाना जाता है। पाइन नट्स नाम का यह पेड़ चीड़ के पेड़ से मिलता जुलता है। चिलगोजा के पेड़ का तना सफेद होता है जबकि चीड़ की तरह ही इसके कोन्स होते हैं जिसमें बीज लगते है। ऊंची चट्टानों, पहाड़ों और पत्थरों के बीच बड़े पेड़ों से इन कोन्स को निकालना आसान नहीं होता। काफी मेहनत के बाद निकले चिलगोजे को मार्किट में खरीदने के लिए व्यवसायी दूर--दूर से किन्नौर के मुख्यालय रिकांगपिओ पहुंचते हैं। चिलगोजा भारतीय बाजार में ही 2 हजार रूपये प्रति किलोग्राम से कीमत में बिकता है।

चिलागोजा वैज्ञानिक खेती नहीं हो पाई संभव

चिलगोजा की वैज्ञानिक खेती अभी तक संभव नहीं हो पाई है। वन विभाग और बागवानी विभाग इसकी अऩ्यत्र खेती के प्रयास में जुटा है लेकिन अब तक यह संभव नहीं हो पाया है। किन्नौर के इस क्षेत्र में भी हर साल हजारों नए पौधे रोपे जा रहे हैं, लेकिन उम्मीद के अनुरूप कम ही पौधे टिक पाते हैं। जानकारों का कहना है कि यदि इस पेड़ का वैज्ञानिक दोहन न हुआ और इसके संरक्षण पर विशेष ध्यान न दिया गया तो औषधीय तत्वों से भरपूर यह चिलगोजा विलुप्त हो सकता है।

चिलगोजा के फायदे में स्वास्थ्य संबंधित कई फायदे शामिल हैं, जो चिलगोजा खाने के फायदे के महत्व को दर्शाते हैं।

1. मधुमेह में

मधुमेह जैसी बीमारी में खान-पान का विशेष ध्यान देना पड़ता है, लेकिन यदि आप चिलगोजा का सेवन कर रहे हैं तो निश्चिन्त रहिये क्योंकि और इसमें मौजूद पोषक तत्वों से मधुमेह की समस्या में होने वाले खतरों को कई गुना तक कम किया जा सकता हैं।

एक वैज्ञानिक शोध के मुताबिक पाइन नट्स के प्रयोग से सीरम कोलेस्ट्रॉल के स्तर में कमी देखी गई। चिलगोजा में कैल्शियम, पोटैशियम और मैग्नेशियम जैसे मिनरल्स मौजूद होते हैं (2)। एक अन्य वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार यह पाया गया कि उपरोक्त तत्वों वाले नट का सेवन अगर किया जाए तो यह डायबिटीज के खतरे को कम कर सकते हैं 

2. ह्रदय स्वास्थ्य में

चिलगोजा खाने का तरीका, हृदय स्वास्थ्य में भी लाभदायक हो सकता है। चिलगोजा एक नट है और एक वैज्ञानिक शौध के अनुसार नट पदार्थों का सेवन करने से हृदय संबंधित बीमारियों का खतरा कम हो सकता है (3)। एक अन्य अध्ययन की मानें तो पाइन नट्स के अंदर मौजूद पोषक तत्व हृदय संबंधी कई रोगों में कमी देखी गई (4)।

चिलगोजा में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने का गुण मौजूद होते हैं। एक वैज्ञानिक शोध के अनुसार चिलगोजा में मौजूद पॉली अनसैचुरेटेड फैट कोलेस्ट्रॉल को कम कर हृदय रोगों से सुरक्षा प्रदान कर सकते हैं

3. कोलेस्ट्रॉल के लिए

चिलगोजा खाने का तरीका इस्तेमाल कर कोलेस्ट्रॉल को संतुलित किया जा सकता है, क्योंकि चिलगोजा में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बिल्कुल भी नहीं होती है और यही वजह है कि चिलगोजा का सेवन करने से कोलेस्ट्रॉल में बढोत्तरी होने का खतरा कम हो सकता है

4. वजन संतुलित करने में

वजन नियंत्रित रखने में भी चिलगोजा खाने के फायदे देखे जा सकते हैं। एक वैज्ञानिक शोध के मुताबिक चिलगोजा से बने हुए तेल का सेवन वजन घटाने में अहम भूमिका निभा सकता है। दरअसल, चिलगोजा में पिनोलेनिक एसिड मौजूद होता है और यह 14 से 19 प्रतिशत फैटी एसिड को प्रदर्शित करता है। यह एसिड भूख को नियंत्रित कर वजन को कम करने में मदद कर सकता है (6)। एक अन्य वैज्ञानिक शोध के मुताबिक भी यह कहा गया है कि रोजाना नट पदार्थों के सेवन से वजन घटाने में मदद मिल सकती है 

5. कैंसर में

चिलगोजे के फायदे कैंसर जैसी गंभीर बिमारी में भी देखने को मिल सकते हैं। एक वैज्ञानिक शोध के अनुसार, कैंसर जैसी बीमारी से बचने के लिए नट पदार्थों का सेवन लाभदायक हो सकता है (7)। शोध के अनुसार, पाइन नट्स में रेस्वेराट्रोल नमक एंटीऑक्सीडेंट मौजूद होता है, जो कैंसर के जोखिम को कम करने में मदद कर सकता है। वहीं, पाइन नट्स में उपस्थित फोलिक एसिड डीएनए (DNA) की क्षति को कम कर सकता है 

6. मस्तिष्क स्वास्थ्य में

मस्तिष्क स्वास्थ्य में चिलगोजा खाने के फायदे प्रभावकारी रूप में देखे जा सकते हैं। एक वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार चिलगोजा में ओमेगा-3 एसिड पाया जाता है, जो मस्तिष्क की कोशिकाओं को बेहतरीन रूप से चलाने के लिए उपयोगी माना जाता है। चिलगोजा खाने से ओमेगा- 3 फैटी एसिड्स मस्तिष्क के बेहतरीन संचालन, याददाश्त को मजबूत बनाने का काम कर सकता है

7. हड्डियों के लिए

चिलगोजा खाने के फायदे हड्डियों की मजबूती के लिए भी देखे जा सकते हैं, क्योंकि चिलगोजा में मौजूद फैटी एसिड हड्डियों के विकास और मजबूती में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं। एक वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार चिलगोजा में पाया जाने वाला ओमेगा-6 फैटी एसिड्स हड्डियों को स्वस्थ रखने के साथ – साथ गठिया जैसे रोग में भी आराम पहुंचा सकता है (9)। इसके अलावा चिलगोजे के फायदे में कैल्शियम भी शामिल है जो हड्डियों की मजबूती और विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।

8. प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए

प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए भी चिलगोजा का प्रयोग किया जा सकता है। एक वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार चिलगोजे में जिंक मौजूद होता है, जो प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ावा देने का काम करता है 

9. आंखों की देखभाल के लिए

चिलगोजे के फायदे में आंखों की देखभाल भी शामिल हो सकते हैं। एक वैज्ञानिक शोध के मुताबिक आंखों की देखभाल के लिए अगर आप चिलगोजा का सेवन कर रहे हैं, तो इसमें मौजूद ओमेगा-3 आपकी आंखों की मदद कर सकता है। यह आपकी आंखों की नाईट विजन (दृष्टि) और कलर विजन की क्षमता का विकास कर सकता है (9)। इसके अलावा चिलगोजा में विटामिन- ए भी पाया जाता है, जो आंखों की रेटिना में रंजक (आंखों को विभिन्न रंगों को पहचानने की क्षमता) का विकास करता है (2), (11)। इसलिए आंखों की देखभाल के लिए चिलगोजा का प्रयोग किया जा सकता है।

10. एंटीऑक्सीडेंट के तौर पर

एंटीऑक्सिडेंट्स हमारी कोशिकाओं को नुकसान पहुंचने से बचाते हैं। अगर आप चिलगोजा का सेवन कर रहे हैं तो निश्चिंत हो जाइए, क्योंकि चिलगोजे में एंटीऑक्सीडेंट्स (विटामिन ए , विटामिन सी और विटामिन ई) भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं 

11. भूख नियंत्रित रखने में

वजन को संतुलित रखने के लिए भी चिलगोजा खाने के फायदे देखे जा सकते हैं। जैसा कि हम ऊपर बता चुके हैं कि चिलगोजे में पिनोलेनिक नामक फैटी एसिड पाया जाता है, जो भूख को नियंत्रित करने का काम कर सकता है (13)।

इसके अलावा एक वैज्ञानिक शोध में देखा गया है, कि पाइन नट दो खास हार्मोन सीसीके और जीएलपी-1 को बढ़ाने का काम करता है, जो भूख को नियंत्रित करने का काम कर सकते हैं (

12. त्वचा के लिए

त्वचा के लिए भी चिलगोजे के फायदे आपको लाभ पहुंचा सकते हैं। एक वैज्ञानिक अध्ययन के मुताबिक चिलगोजा का इस्तेमाल त्वचा के लिए फायदेमंद हो सकता है, क्योंकि यह विटामिन-सी (एस्कॉर्बिक एसिड) का अच्छा स्रोत होता है। विटामिन सी एक एंटीऑक्सीडेंट्स है, जो सूर्य की हानिकारक किरणों से त्वचा की रक्षा करता है। साथ ही विटामिन सी त्वचा में कोलेजन को बढ़ाता है और एजिंग को कम करता है 

इसके अलावा चिलगोजे में मौजूद मैंगनीज त्वचा को मुक्त कणों (Free Radicals) से दूर रखने का काम भी कर सकता है (9)।

13. बालों के स्वास्थ्य के लिए

बालों के स्वास्थ्य के लिए भी चिलगोजा खाने के फायदे देखे जा सकते हैं। चिलगोजे में पाया जाने वाला ओमेगा-3 और ओमेगा-6 फैटी एसिड बालों के विकास के लिए उपयोगी हो सकता है (9)। एक वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार, ओमेगा-6 फैटी एसिड बालों को झड़ने से रोकने में मदद करता है और बालों को घना बनाने में भी सहयोग कर सकता है ।

पैरालायसिस का अटैक आते ही जो कर लिया

पैरालायसिस का अटैक आते ही जो कर लिया बस ये 1 उपाय, शरीर को छू भी नहीं पाएगा ये रोग... बच जाएंगे आप.!

लकवा (Paralysis) एक गंभीर स्थिति है, जिसमें शरीर के एक हिस्से या पूरे शरीर में अस्थायी या स्थायी मूवमेंट (चलने-फिरने) की क्षमता समाप्त हो जाती है।यह आमतौर पर मस्तिष्क में रक्त प्रवाह के रुकने, नसों के दबने या चोट लगने के कारण होता है।अगर लकवे का अटैक अचानक आए, तो तुरंत कुछ उपायों को अपनाकर आप स्थिति को नियंत्रित कर सकते हैं और बड़ी समस्या से बच सकते हैं।

लकवा आने पर तुरंत करें ये उपाय:1. तुरंत 911 (या आपातकालीन नंबर) पर कॉल करें: अगर लकवा का अटैक आ जाए, तो सबसे पहला कदम यह है कि आप किसी डॉक्टर या अस्पताल से संपर्क करें। अपने नजदीकी आपातकालीन नंबर पर कॉल करें और जल्दी से जल्दी मदद प्राप्त करने की कोशिश करें।

2. तुरंत सिर को सीधा रखें: अगर लकवा का अटैक आ गया है, तो व्यक्ति को सिर को सीधा और आराम से रखें। सिर को झुका हुआ या खड़ा न रखें, क्योंकि यह रक्त प्रवाह को प्रभावित कर सकता है।

3. पानी का सेवन न करें: अगर व्यक्ति लकवा का शिकार हो गया है, तो उसे पानी, खाना या कोई अन्य तरल पदार्थ न दें, क्योंकि ये उसके गले में फंस सकते हैं और घातक हो सकते हैं।

4. मालिश और प्राणायाम: अगर आप लकवे से बचना चाहते हैं, तो नियमित रूप से सिर, गर्दन और हाथों की हल्की मालिश करें। इसके साथ ही प्राणायाम (योग का अभ्यास) करने से रक्त संचार बेहतर रहता है और लकवा के खतरे को कम किया जा सकता है।

5. सामने के हिस्से को आराम दें: यदि लकवा अचानक आ जाता है और शरीर के एक हिस्से में कमजोरी महसूस होती है, तो उस हिस्से को आराम देना जरूरी है। जैसे ही शरीर के किसी हिस्से में कमजोरी महसूस हो, उस हिस्से को हल्का सा सहारा दें ताकि वह जकड़े न।

6. स्ट्रोक (stroke) के लक्षण पहचानें: लकवा और स्ट्रोक के लक्षण लगभग समान हो सकते हैं। स्ट्रोक का एक सामान्य लक्षण अचानक चेहरे का टेढ़ा होना, आंखों में धुंधलापन या बोलने में कठिनाई हो सकती है। इन लक्षणों को पहचान कर जल्दी इलाज करवाना आवश्यक है।

7. हल्के आहार का सेवन करें: व्यक्ति को हल्का और सुपाच्य आहार देना चाहिए, जैसे दाल, सूप या तरल आहार, ताकि उसका पाचन सही रहे और शरीर में अधिक भारीपन न आए।

8. आयुर्वेदिक उपचार और हर्बल उपाय:

आंवला – आयुर्वेद में आंवला को बहुत फायदेमंद माना जाता है, क्योंकि यह शरीर के तंत्रिका तंत्र को मजबूत करता है और रक्त प्रवाह को बेहतर बनाता है।
हल्दी – हल्दी में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो शरीर के तंत्रिका तंत्र को सही रखने में मदद करते हैं।
ब्राम्ही – ब्राम्ही को तंत्रिका तंत्र के लिए बहुत अच्छा माना जाता है। यह मानसिक स्थिति को शांत करता है और लकवे के खतरे को कम करता है।
9. पारंपरिक उपाय:

ध्यान और योग – मानसिक शांति के लिए ध्यान (meditation) और योग का अभ्यास करें। इससे तंत्रिका तंत्र पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
अश्वगंधा – यह आयुर्वेदिक हर्ब शरीर को ताकत और ऊर्जा प्रदान करता है, जो लकवा जैसी स्थितियों में सहायक हो सकता है।
10. समय से पहले इलाज: लकवा का सबसे अच्छा इलाज समय पर किया गया इलाज है। अगर आपको या आपके आसपास किसी को लकवा आने का खतरा महसूस हो, तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें और सही जांच करवाएं। समय रहते इलाज से लकवे के असर को कम किया जा सकता है।

लकवा एक गंभीर और खतरनाक स्थिति हो सकती है, लेकिन सही समय पर किए गए उपायों से इस पर नियंत्रण पाया जा सकता है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि जब भी लकवा का अटैक आए, तो तुरंत मेडिकल सहायता लें और उसे गंभीरता से लें। साथ ही, नियमित योग, प्राणायाम, सही आहार और जीवनशैली से लकवा जैसी स्थितियों से बचा जा सकता है।