1. सुरक्षा का अधिकार: उदाहरण:मामला: पेप्सिको इंडिया होल्डिंग लिमिटेड बनाम खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) इस मामले में, राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (एनसीडीआरसी) ने उपभोक्ता के पक्ष में फैसला सुनाया जब पेप्सी की एक बोतल में हानिकारक विदेशी कण पाए गए। कंपनी को असुरक्षित उत्पाद के कारण ग्राहक को हुए नुकसान की भरपाई करने का आदेश दिया गया था।
इस मामले में यह स्पष्ट हुआ कि उपभोक्ताओं की सुरक्षा से संबंधित मामलों में कंपनियों को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है, यदि उनका उत्पाद असुरक्षित हो।
2. शिक्षा का अधिकार:उदाहरण:केस: नेशनल इंश्योरेंस कंपनी बनाम बी.सी. खांडेकरयह मामला बीमा पॉलिसी की शर्तों के बारे में स्पष्ट जानकारी उपलब्ध न कराने को लेकर विवाद से जुड़ा था। एनसीडीआरसी ने उपभोक्ताओं को वित्तीय उत्पादों के नियमों और शर्तों के बारे में शिक्षित करने के महत्व पर जोर दिया।
उपभोक्ताओं को उनके अधिकारों और जो उत्पाद वे खरीदते हैं, उनकी शर्तों की पूरी जानकारी मिलनी चाहिए।
3.चयन का अधिकार:उदाहरण:केस: मैसर्स. टाटा मोटर्स लिमिटेड बनाम उपभोक्ताइस मामले में, एक ग्राहक ने शिकायत दर्ज कराई जब उसे कई विकल्प उपलब्ध होने के बावजूद दोषपूर्ण वाहन दिया गया। आयोग ने फैसला सुनाया कि उपभोक्ता को एक कार्यात्मक उत्पाद चुनने का अधिकार है और उसे दोषपूर्ण उत्पाद स्वीकार करने के लिए बाध्य नहीं किया जाना चाहिए। इस मामले ने यह स्पष्ट किया कि उपभोक्ताओं को बिना किसी दबाव के अपनी पसंद के उत्पाद को चुनने का अधिकार है।
4.जानकारी का अधिकार:उदाहरण:मामला: भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण बनाम नेस्ले इंडिया लिमिटेड।मामला मैगी नूडल्स के भ्रामक विज्ञापन और लेबलिंग को लेकर था. एनसीडीआरसी ने फैसला सुनाया कि नेस्ले ने अपने उत्पाद की सुरक्षा के संबंध में उचित जानकारी नहीं दी थी। उपभोक्ताओं को जो उत्पाद वे खरीदते हैं, उसकी सही और स्पष्ट जानकारी प्राप्त करने का अधिकार है।
5.सुनवाई का अधिकार:उदाहरण:मामला: भारतीय स्टेट बैंक बनाम आर.के. जैनइस मामले में, उपभोक्ता की शिकायत को बैंक द्वारा पर्याप्त रूप से संबोधित नहीं किया गया, जिसके कारण उपभोक्ता फोरम के समक्ष सुनवाई हुई। फोरम ने उपभोक्ता के पक्ष में फैसला सुनाया और इस बात पर जोर दिया कि उपभोक्ता की हर शिकायत पर उचित ध्यान दिया जाना चाहिए। इस मामले ने यह सुनिश्चित किया कि हर उपभोक्ता की शिकायत को उचित तरीके से सुना जाए।
6.निवारण का अधिकार:उदाहरण:केस: इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड बनाम वी.एस. परिधान: एक उपभोक्ता ने गैस कनेक्शन के ठीक से काम न करने और सेवाओं में देरी के बारे में शिकायत दर्ज कराई। आयोग ने उपभोक्ता को हुई असुविधा और क्षति के लिए मुआवजा देने का आदेश दिया। इस मामले ने यह साबित किया कि उपभोक्ताओं को खराब सेवा या दोषपूर्ण उत्पाद के कारण हुए नुकसान के लिए मुआवजा और निवारण प्राप्त करने का अधिकार है।