मन की शांति

"आलोचना"तुलना शिकायत से जितना अधिक दूर रहेंगे "मन की शांति" उतनी ही नजदीक आने लगेगी स्वभाव वो स्नान है जिससे रिश्ते महकते हैं सम्मान वो दान है जिससे रिश्ते प्रगाढ़ होते हैं "कर्म वो पूजा" है जिससे "भाग्य" बदलते हैं और "धीरज" वो मंदिर है जिसमें भगवान प्रार्थना सुनते हैं जब अपने बदल जाते हैं तो अजनबियों का डर नहीं सताता पर वो एक "रिश्ता" अंदर से हमेशा के लिए मर जाता है नम्रता की नरम मिट्टी में  ही सम्मान का अंकुर फूटता है कमियां ढूंढने मे कोई दिक्कत नहीं है"शुरूआत"खुद  से होनी चाहिए...!

सुख चाहो तब नाम जप l
धन चाहो कर  दान  l
रूप चाहो तो शील रख l

विपत्ति सरीखा धन नहीं l जो गुर का बल हो l भला बुरा खोटा खरा जान परे सब कोइ l

*आज का सुविचार*

*श्रेष्ठ वही है जिसमें..*
*दृढ़ता हो, जिद नहीं..*
*बहादुरी हो, जल्दबाजी नहीं..*
*दया हो, कमजोरी नहीं..*
*ज्ञान हो, अहंकार नहीं..*
*करूणा हो, प्रतिशोध नहीं..*
*निर्णायकता हो, असमंजस नहीं..*
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इंसान को ठंड और घमंड से बच कर रहना चाहिए
क्योंकि दोनों ही परिस्थितियों में
इंसान अकड़ जाता है....
Good morning