क्या लेके आया बन्दे क्या लेके जायेगा

क्या लेके आया बन्दे क्या लेके जायेगा
दो दिन की जिन्दगी है दो दिन का मैला !!

ईस जगत सराऐ मे मुसाफीर रहना दो दिन का !
विर्था करे गुमान मुर्ख ईस घर और जोबन का
नहि है भरोसा पल का गफलत का खैला १
दो दिन की...........

वो कहाँ गऐ बलवान तीन पग धरती तोलणियाँ
जिनकी पड़ती धाक नहि कोई शामा बोलणियाँ
निर्भय डोलणियाँ नर गया वो अकेला २
दो दिन की .........

नर छोड़ सक्या ना कोय माया गिणी गिणाई न
गढ कोटा की निव छोडग्या चिणी चिणाई न
चिणी र चिणाई संग चाल्या नही ढैला ३
दो दिन की .........

ईस काया का है भाग ,भाग बिन पाया नई जाता
शर्मा कहे बिना नसिब तोड़ फल खाया नई जाता
गाया नहि हरि गुण अब गाले गैला ४
दो दिन की.........

शहीद को शत शत नमन