दुःख-चिन्ताका कारण वस्तुओंका अभाव नहीं है, प्रत्युत मूर्खता है । यह मूर्खता सत्संगसे मिटती है ।
ᇮ ᇮ ᇮ
मनुष्य ज्यों-ज्यों अपने शरीरकी चिन्ता छोड़ता है, त्यों-त्यों उसके शरीरकी चिन्ता संसार करने लगता है ।
ᇮ ᇮ ᇮ
भगवान्के भरोसे रहनेपर किसी प्रकारकी चिन्ता टिक ही नहीं सकती ।
ᇮ ᇮ ᇮ
जिसे नहीं करना चाहिये, उसे करनेसे और जिसे करना चाहिये, उसे नहीं करनेसे ही चिन्ता और भय होते हैं ।
ᇮ ᇮ ᇮ
भगवान् हमसे ज्यादा जानते हैं, हमसे ज्यादा समर्थ हैं और हमसे ज्यादा दयालु हैं, फिर हम चिन्ता क्यों करें ?
Gyan | Gyan Varta | Satsang | Vichar | Sadh Samachar | Though | News | Technology | Computers | Internet |
दुःख चिंता का कारण
Tag:
Story