चौकी उस स्थान को कहते है जहाँ चौकस या चौकन्ना ही रहना है

चौकी उस स्थान को कहते हैं जहां चौकस या चौकन्ना ही रहना है,साधो ने इसी लिए  इसे चौकी का नाम दिया साथ में साधान यानि वो विशेष स्थान जिसमें ज्ञान के जिज्ञासु साध बाईं के लिए पूरे साधन हैं जिससे वे नाम की तरफ़ घ्यान केन्द्रित कर सकें।।
यदि उस स्थान पर जाए के भी हम चौकसी से ना रहे तो विचार करें।।
बहुत से साध या बाईं  करतूत द्वारा करनी करत हैं  उस रहनी रहत हैं उनके लिए हर स्थान चौकी के समान है।।
अगर चौकी में जा कर भी उच्च नीच ,पर निद्रा, अशिष्ट भाषा बडो का सही रूप से आदर न करना यह सब हम से हो रहा है  तो मालिक से प्रार्थना करें कि हमे सदबुद्दि दे।ताकि हम सही रास्ता का चुनाव कर सकें।।
महान नाम ज्ञान मिला ,बहुत बढ़िया साध संगत मिली,एक दूसरे के परस्पर सहयोग से अनुचित बातों को किनारे करना संभव है मेरा तो यही मानना है।।