गुरु घर की रोटी,गुरु घर की दाल।छप्पन भोग में भी नही ऐसा कमाल

गुरु घर की रोटी,गुरु घर की दाल।छप्पन भोग में भी नही ऐसा कमाल।गुरु घर का आचार।बदल देता है विचार।गुरु घर का पानी।शुद करे वाणी।गुरु घर के फल और फूल।उतार देती है जन्मों -जन्मों की घूल।गुरु घर की छाया।बदल देती है काया।गुरु घर का प्याज।सौ बीमारियो का इलाज।गुरु घर का रायता।मिलती है चारों और से सहायता।गुरु घर के आम।नई सुबह नई शाम।गुरु घर का हलवा।दिखाता है जलवा।गुरु घर की सेवा।मिलता है मिश्री और मेवा।गुरु घर का स्नान।चारों धाम के तीर्थ के समान।गुरु घर को जो सजाऐ।उस का कुल् सवर जाये।गुरु घर का जो सवाली।उसकी हर दिन होली हर रात दीवाली।।