आत्म-विश्वास सौ रोगो की एक दवा है।

आत्म-विश्वास सौ रोगो की एक दवा है। आत्म विश्वास है तो आपको काम के लिए नहीं भटकना पड़ेगा, भयंकर बीमारियॉँ नही पडेंगी, चिन्ताऍ आपका खून नहीं चूसेंगी ओर दुनिया की असफलताओं की वेदना आपको नही उठानी पड़ेगी। आत्म-विश्वास वह शक्ति है, जो असम्भव को भी सम्भव करके दिखा देती है।

आत्म-विश्वास दृढ़ इच्छा-शक्ति सेउत्पन्न होता है। इच्छा-शक्ति वैसे हरकिसी मे होती है; किन्तु बहुत से लोगों मे वह सोती पडी रहती है। वे जानते ही नही कि उनके अन्दर शक्ति है। जो उसे पहचान लेते है, उनमें यह विश्वस पैदा हो जाता है कि वे जो कुछ करेगें, अच्छा ही होगा। ऐसे आदमी हौसले से काम करते जाते है ओर सफलता हर घड़ी उनके दरवाजें पर खड़ी रहती है।