मनुष्य के जीवन में सबसे बड़े रहस्य की बात यही है

मनुष्य के जीवन में सबसे बड़े रहस्य की बात यही है कि सब तरफ मृत्यु को स्मरण दिलाने वाली घटनाएं घट रही हैं । यह पत्ता अभी हरा था और पीला होकर गिर गया , मगर तुम्हें होश नहीं आएगा । तुम इस पीले पत्ते को कुचलते हुए , पैर से रोंदते हुए चले जाओगे । तुम्हें याद भी न आएगा कि यह पीला पत्ता तुम्हारी पूरी कथा कह गया है यह अर्थी गुजर गई राह से । कल इसी आदमी से रास्ते पर जय रामजी भी हुई थी । आज यह आदमी समाप्त हो गया । ले चले लोग इसे बांधकर मरघट की तरफ । और तुम राह के किनारे खड़े होकर बड़ी सांत्वना प्रकट करते हो , बड़ी संवेदना...! कहते , बड़ा बुरा हुआ । कच्ची गृहस्थी थी , बच्चों का क्या होगा ? जो मर गया उसके प्रति तुम बड़ी संवदेना प्रकट करते हो , मगर तुम्हें एक क्षण को भी याद नहीं आती कि कल तुम्हारी अर्थी ऐसे ही गुजरेगी और दूसरे लोग राह के किनारे खड़े होकर तुम्हारे प्रति संवेदना प्रकट करेंगे--तुम्हारी कच्ची गृहस्थी के प्रति , तुम्हारे बच्चों के प्रति । ज़रा कुछ अपनी तो याद करो ! हर अर्थी तुम्हारी अर्थी है , अगर समझ हो । और हर पीला पत्ता तुम्हारी मौत है , अगर कुछ समझ हो । हर पानी का बबूला जब टूटता है , तुम्हीं टूटते हो । बस चौबीसो घण्टे तुम्हे यह याद रहे , कि संसार सराय है , एक दिन जाना भी है......!!

◆  एक महात्मा नदी के किनारे बैठा था.  किसी ने पूछा : 'बाबा क्या कर रहे हो?' फ़कीर ने कहा : 'इंतज़ार कर रहा हूँ की पूरी नदी बह जाएं तो फिर पार करूँ' उस व्यक्ति ने कहा :  'कैसी बात करते हो बाबा पूरा जल बहने के इंतज़ार मे तो तुम कभी नदी पार ही नही कर पाओगे' फ़कीर ने कहा "यही तो मै तुम लोगो को समझाना चाहता हूँ की तुम लोग जो सदा यह कहते रहते हो की एक बार जीवन की ज़िम्मेदारियाँ पूरी हो जाये तो मौज करूँ, घूमूँ फिरू, सबसे मिलूँ, सेवा करूँ... जैसे नदी का जल खत्म नही होगा हमको इस जल से ही पार जाने का रास्ता बनाना है इस प्रकार जीवन खत्म हो जायेगा पर जीवन के काम खत्म नही होंगे."

💐आज ही जीए जिंदगी.💐