हम समाज को क्या देते हैं ---बाबाजी का ठुल्लू।
दोस्तों हमें समाज सब कुछ दे इसकी उम्मीद तो हम समाज से भरपूर करतें हैं पर समाज को देने के लिए हमारे पास क्या है -- बाबाजी का ठुल्लू ? इसीलिए समाज हमें बाबा जी का ठुल्लू ही देता है। अपने समाज को कुछ न देने के लिए हमारे पास पचास बहाने होते हैं पर कोई बहाना हम नहीं तलाशते समाज को कुछ देने के लिए। आपका स्वाभिमान या आपका किसी भी राजनितिक पार्टी से जुड़े होना, सभा या महासभा या संगठन से जुड़े होना, सामाजिक या सरकारी पद पर होना, रूकावट कभी नहीं बन सकता अगर आप ठान ले समाज सेवा की। तो दोस्तों समाज को कुछ देने की शुरुआत करते हैं।
हमारे समाज की भयंकर समस्या दहेज़ की है। जिसकी वजह से अच्छे अच्छे परिवारों की इज्जत दांव पर लग जाती है। लड़की चाहे वो डॉक्टर हो नर्स हो इंजीनियर हो पायलट हो सरकारी या प्राइवेट नौकरी पर हो, बिज़नेस गर्ल हो --वो इस कोढ़ से मुक्त नहीं है। ९९% लड़कियों के माँ बाप इस सामाजिक कोढ़ से ग्रस्त हैं। लड़कियों का जलना, आत्महत्या करना, घर से भाग जाना , धर्म परिवर्तन करना , तलाक लेना आदि इस कोढ़ की वजह से होता है।
हमारे निम्नलिखित 18 प्रतिनिधियों ने दहेज़ न लेने न देने की कसम खाकर एक नई शुरुआत की है। क्या आपने कसम खाई है ? युवाओं को आगे आना चाहिए।।।
बेटी बचाओ
बेटी पढ़ाओ
जय हिंद।।।।