बोल की कीमत अनमोल है

हर एक इंसान की पहचान उसके
बोल के द्वारा ही होती है।
भक्तिमार्ग का सम्पूर्ण आधार भी
एक बोल पर ही निर्भर है। और
मालिक के शब्द की परख भी
अपने बोल के द्वारा ही होती है।
बोल ही अनमोल है। फिर भी
हम इस बोल की कीमत और
कदर नहीं करते हैं। रात दिन
व्यर्थ की बातों में अपना समय
गंवाते हैं। और अपने बोल के
द्वारा दूसरों को कष्ट पहुंचाते
हैं और खुद भी कष्ट पाते हैं।
सारा जीवन समाप्ति की
कगार पर पहुँच जाता है फिर
भी हम बोलना नहीं सीख
पाते हैं। तो भाइयों,मेरे मित्रों
जिसने बोलना सीख लिया,
उसने सबको जीत लिया।

बोल सवारकर बोलिए बोल के हाथ ना पाँव  । एक बोल औषधी हैं तो एक बोल हैं घाव ।।
Many people interpret quietness to be a sign of ignorance, the lack of intelligence and even of being at fault.But we forget here that silence helps us save our
precious energy to deal with the wrong interpretation more. effectively than engaging in exchange of words. Words beget words; they clash with each other and like a cobweb net, they keep us bound within limits. Beyond words, lies the unlimited sky, which can only be *realised, not expressed.*🌹💐🌹अनमोल मोती🌹💐🌹
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  *मधुर व्यवहार और मीठा बोलना एक कला है जो हरेक के पास नहीं होता..*
*बोलने की कला श्रीराम से सीखो। जहां रावण ने कड़क जबान  से अपने सगे भाई विभीषण को खो दिया, वहीं श्रीराम ने मीठी जुबान से दुश्मन के भाई को भी अपना बना लिया।*
*चेहरे की खूबसूरती की भूमिका 10 प्रतिशत होती है, पर वाणी की खूबसूरती की भूमिका 90 प्रतिशत।*
*शब्दों को संभालकर बोलें। शब्दों में बड़ी जान होती है।*                                          
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         💎 *क़ीमती बात* 💎
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*लोगों का आदर*
         *केवल उनकी सम्पत्ति*
     *के कारण नहीं करना चाहिये*
                  *बल्कि*
             *उनकी उदारता*
       *के कारण करना चाहिये* ।
           *हम सूरज की कद्र*
*उसकी उँचाई के कारण नहीं करते*      
                   *बल्कि*
*उसकी उपयोगिता के कारण करते* *हैं* ।
              *अतः व्यक्ति नहीं*
                   *व्यक्तित्व*
                *आदरणीय है* 

*आजका  सदचिंतन*
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* *धन तभी सार्थक हैं*
              *जब धर्म भी साथ हो*
* *विशिष्टता तभी सार्थक हैं*
             *जब शिष्टता भी साथ हो*।
* *सुंदरता तभी सार्थक हैं*
              *जब चरित्र भी शुद्ध हो*।
* *संपत्ति तभी सार्थक हैं*
            *जब स्वास्थ्य भी अच्छा हो*।
* *देवस्थान गमन तभी सार्थक हैं*
               *जब हृदय में भाव हो*।
* *अच्छा व्यापार तभी सार्थक हैं*
             *जब व्यवहार भी अच्छा हो*।
* *विद्वता तभी सार्थक हैं*
          *जब सरलता भी साथ हो*।
* *दोस्ती का होना तभी सार्थक हैं*
           *जब उसमे प्यार और विश्वास हो*✍ 

*"आशाएं ऐसी हो जो*
      *मंज़िल  तक ले जाएँ,*
             *मंज़िल  ऐसी हो जो-*
           *जीवन जीना सीखा दे..!*
*जीवन ऐसा हो जो-*
     *संबंधों की कदर करे,*
         *और संबंध ऐसे हो जो-*
  *याद करने को मजबूर कर दे..!!*
*"दुनियां के रैन बसेरे में..*
   *पता नही कितने दिन रहना है,*
       *"जीत लो सबके दिलों को..*
  *बस यही जीवन का गहना .है* ।