प्रेम से प्रेम बढ़ता है

जब दो लोग एक दूसरे से नाराज होते हैं!
तो उनके दिलों में दूरियां बहुत बढ़ जाती हैं, जब दूरियां बढ़ जाती है, तो आवाज को पहुंचाने के लिए उसका तेज होना स्वभाविक है। इसी लिए हम करीब होते हुए भी नाराजगी में चिल्लाने लगते है। दिलो में दूरियां जितनी ज्यादा होंगी, उतनी ही तेज चिल्लाना पड़ेगा। दिलों की यह दूरियां ही दो गुस्साए लोगों को चिल्लाने पर मजबूर कर देती हैं। जब दो लोगों में प्रेम होता है तो वह एक दूसरे से बड़े आराम से और धीरे-धीरे बात करते हैं। प्रेम दिलों को करीब लाता है और करीब तक आवाज पहुंचाने के लिए चिल्लाने की जरूरत नहीं। जब दो लोगों में प्रेम और भी प्रगाढ़ हो जाता है तो वह खुसफुसा कर भी एक दूसरे तक अपनी बात पहुंचा लेते हैं। इसके बाद प्रेम की एक अवस्था यह भी आती है कि खुसफुसाने की जरूरत भी नहीं पड़ती। एक दूसरे की आँखों में देख कर ही समझ आ जाता है कि क्या कहा जा रहा है।
शांत चित्त और धीमी आवाज में बात करने से प्रेम गहरा होगा, दिलो के बीच कभी दूरियाँ नही होंगी !!

~ओशो