सबके अपने अपने समाज है

सबके अपने अपने समाज है, लेकिन जो सही सचचा उच्च श्रेणी का है वो है हमारा साध समाज, हमारी कास्ट हैं साध हमारा धर्म भी साध और हमारा करम करनी भी साध है, जब हमारा साध समाज उच्च श्रेणी का है तो हमारे करम भी अच्छे और सचचे होने चाहिए, किसी प्रति कोई बैर नहीं होना चाहिए, कोई भी काम हमारे धर्म के विरुद्ध नहीं होना चाहिए, भोजन का कभी अनादर नहीं होना चाहिए, कौई भी जीव हत्या हम से नहीं होनी चाहिए जानबूझकर कर पानी डाल कर नहीं बहाना चाहिए, हम कोई भी कलर के कपड़े पहने मगर हमारा मन सचचा और सफेद होना चाहिए, किसी के लिए कोई बुरी भावना नहीं होनी चाहिए, मालिक दाता का नाम हर दम चित मन में होना चाहिए, सही मायने में तभी हम साध है, साधो का जो भी काम है व खुब करे, मालिक दाता का खुब खुब नाम जपे। सतनाम 🌹रिंकी साध 🌹