GST bill highlight

Cabinet approves amendments to GST Bill, removes 1% additional tax
*GST highlights*
1. Be ready for 36 to 49 returns per year.
2. Lumpsum turnover limit 50 lacs
3. Input tax credit available only if Electronic data matches.
4. 15 digit pan based GST no.
5. Penalty for return Per day Rs.100 and maximum Rs.5000
6. Output,input and summary based returns submission.
7. Tax credit only available if sellers tax shows online.
8. Liquors,petroleum products out of GST net.
9. Return filling limit 10,15,20 days after due date for type of return.
10. Threshhold turnovrr limit is 10 lacs and for north east 5 lacs.
11. Jammu and kashmir is also included in GST regime.
12. TDS limit 10 lacs.
13. Existing TIN will be migrated and issue Provisional GST is valid for 6 months..if documents submitted within 6 months than Final GST will be allotted.
14.Tax audit figure and GST data has to be reconciled in annual return.
15. If any mismatch in data than data will be transferred to IT dept.

*GST IMPACT ON VARIOUS SECTOR.*

1) *BANKS* - Current service tax 15% now after  GST 18% 👉🏽Negative.

2) *CONSUMER STAPLES* current tax rate 22% know after GST it's 18% .
👉🏽Positive for - Asian paints,Dabur,HUL,EMAMI
👉🏽NEGATIVE for ITC & UNITED BEVERIES.

3) *CONSUMER DISCRETIONARY* current 15% after GST 18%
NEGATIVE

4) *MEDIA* - current Tax 15% service tax and 7% entertainment Tax by State's know After GST it will be 18%
POSITIVE

5) *TELECOM* current Tax 15% After GST 18% may see marginal dip in consumption as tax rise from 15% to 18%
NEGATIVE

6) *AUTO INDUSTRIES* current Tax 27% after GST it will be 18% .
POSITIVE

7) *METALS* - current TAX 18% after GST 18% no major impact

8) *CEMENT* - current Tax 27% altogether after GST it will be 18%
POSITIVE.

9) *PHARMA* - current Tax 15% after GST it will be 18% .
NEGATIVE

10) *REAL ESTATE* - 15% to 16% Stamp duty, Current duty approx 7%. NEGATIVE for real estates.

11) *TRANSPORTATION* - majorly benefits to logistics sector no impact of GST
POSITIVE


Complete explanation...
जानिए! क्या है जीएसटी, GST का इतिहास, कैसे करेगा यह काम
और क्या है इसके नफा-नुकसान
जीएसटी यानी वस्तु एवं सेवा कर (Goods & Services Tax) एक
ऐसी दवा का नाम है जो भारत की Tax वाली बीमारी का
इलाज एक बार में कर देगी। राज्यसभा व लोकसभा ने GST के लिए
संविधान संशोधन बिल पर बहस की और वोटिंग हुई। ये संविधान में
122वां संशोधन है। इसे भारत में Tax सुधारों को लेकर आज़ादी के
बाद से अब तक का सबसे महत्वपूर्ण संवैधानिक संशोधन माना जा
रहा है जिसे पहले राज्यसभा फिर लोकसभा ने पास कर दिया है।
दोनो सदनों में GST को लेकर संविधान संशोधन को मंजूरी मिल
जाने के बाद पूरे देश में GST को 1 अप्रैल 2017 से लागू किया जा
सकता है लेकिन कम से कम 15 राज्यों की विधानसभाओ द्वारा भी सहमति आवश्यक है चूँकि 12 साल से लटके इस बिल को 6 संसोधनो के बाद रखा गया और पक्ष और विपक्ष की इसे सहमति प्राप्त है तो ऐसे में विधान सभाओ की संतुति भी मिल जायेगी।
How will it affect economy
इससे भारत एक Single टैक्स वाली अर्थव्यवस्था बन जाएगा यानी
देश में वस्तुओं और सेवाओं पर लगने वाले अलग अलग तरह के Tax खत्म
हो जाएंगे और फिर एक नये आंकड़े के मुताबिक देश के करीब 132
करोड़ लोग सेवाओं और वस्तुओं पर सिर्फ एक तरह का Tax देंगे जिसे
GST के नाम से जाना जाएगा।
अभी किसी भी सामान पर केंद्र और राज्य कई तरीके के टैक्स
लगाते हैं। लेकिन GST आने से सभी तरह के सामानों पर एक जैसा
टैक्स लगाया जाएगा।
सर्विस टैक्स, सेंट्रल सेल्स टैक्स, स्टेट सेल्स टैक्स और VAT जैसे तमाम
टैक्स ख़त्म होंगे।
मौजूदा स्थिति ये है कि हमें किसी भी सामान पर करीब 30 से
35% टैक्स देना पड़ता है।कुछ चीज़ों पर तो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष
तरीके से लगाया जाने वाला टैक्स 50 फीसदी तक पहुंच जाता है।
GST आने के बाद ये टैक्स 18% हो जाएगा, जिसमें कोई In-direct
टैक्स नहीं होगा।
GST के आने से टैक्स का ढांचा सरल हो जाएगा और इससे
manufacturing sector का पैसा और समय दोनो बचेंगे।
विशेषज्ञों की राय है कि अगर देश में GST लागू हो जाएगा तो
GDP growth 1 से 2 फीसदी तक बढ़ सकती है।
GST के ज़रिए देश में एक टैक्स की व्यवस्था लागू हो जाएगी। इसी
के साथ केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा लगाए जाने वाले 20 तरह
Indirect Taxes यानी अप्रत्यक्ष टैक्स ख़त्म हो जाएंगे।
GST भारत की अर्थव्यवस्था को एक देश, एक टैक्स वाली
अर्थव्यवस्था बना देगा। फिलहाल भारत के लोग वस्तुओं और
सेवाओं के लिए 20 अलग अलग तरह के टैक्स चुकाते हैं जबकि GST
लागू होने के बाद सिर्फ एक तरह का टैक्स ही चुकाना होगा
How will individual be affected
GST लागू होने के बाद घर और कार खरीदना काफी सस्ता हो
जाएगा। छोटी कारों और Compact SUVs पर अभी 30 से 44
प्रतिशत तक टैक्स लगता है लेकिन सिर्फ 18 प्रतिशत GST लगने की
वजह से ये कारें 45 हज़ार रुपये तक सस्ती हो सकती हैं।
अभी घर खरीदने पर आपको सर्विस टैक्स और Vat दोनों चुकाने
पड़ते हैं लेकिन GST लागू होने पर आपको सिर्फ एक तरह का टैक्स
देना होगा।
इसी तरह Restaurant में खाना खाना भी सस्ता हो जाएगा ऐसा
इसलिए होगा क्योंकि अभी अलग-अलग राज्यो में Vat की दर
अलग-अलग है और आपको Service टैक्स भी चुकाना होता
है..लेकिन GST लागू होने पर आपको सिर्फ एक ही तरह का Tax
देना होगा।
अभी एयरकंडीशनर, माइक्रोवेव ओवन और वॉशिंग मशीन जैसे घरेलू
ऊपकरण खरीदने पर आपको 12.5 प्रतिशत एक्साइज़ और 14.5 VAT
देना पड़ता है..लेकिन GST के तहत सिर्फ 18 प्रतिशत टैक्स देने से ये
सामान आप काफी कम दामों पर घर ला पाएंगे।
देशभर में माल ढुलाई करीब 20 प्रतिशत तक सस्ती हो जाएगी
जिससे महंगाई घट सकती है।
उद्योगों को अभी करीब अलग-अलग तरह के 18 Tax भरने होते हैं
लेकिन GST लागू होने पर उद्योगों का वक्त और पैसा दोनों बचेंगे।
GST के बाद एक्साइज़ ड्यूटी, सर्विस टैक्स, एडिशनल ड्यूटी ऑफ
कस्टम, Vat, सेल्स टैक्स, सेंट्रल सेल्स टैक्स, मनोरंजन टैक्स और Luxury
टैक्स जैसे कर खत्म हो जाएंगे।
Some apprehension (संदेह )
लेकिन GST लागू होने के कुछ वर्षों तक आपको महंगाई वाले दिन
भी देखने पड़ सकते हैं।
packaged food Products पर ज्यादातर राज्यों में अभी कोई
ड्यूटी नहीं लगती है जहां इन Products पर ड्यूटी लगती है वहां भी
इसकी दर 4 से 6 प्रतिशत तक है लेकिन GST लागू होने के बाद
आपको डिब्बाबंद खाने पर भी 18 प्रतिशत तक का टैक्स देना
होगा।
इसी तरह Jewellery पर अभी 3 प्रतिशत ड्यूटी और रेडीमेड
Garments पर 4 से 5 प्रतिशत स्टेट Vat लगता है लेकिन 18 प्रतिशत
GST लगने के बाद गहने और कपड़े महंगे हो सकते हैं।
GST लागू होने के बाद Discount भी महंगा हो जाएगा। अभी
डिस्काउंट के बाद बची बाकी की कीमत पर टैक्स लगता है लेकिन
GST लागू होने के बाद MRP पर टैक्स लगेगा।
इसके अलावा सभी तरह की सेवाएं महंगी हो जाएंगी, क्योंकि
अभी मोबाइल फोन और क्रेडिट कार्ड जैसी सेवाओं पर 15
प्रतिशत का Tax लगता है जो बढ़कर 18 प्रतिशत हो जाएगा
यानी आपको इन सेवाओं पर अभी के मुकाबले 3 प्रतिशत ज़्यादा
रकम खर्च करनी पड़ेगी।
TAX structure under GST
GST में तीन तरह के टैक्स शामिल होंगे जिनमें पहला होगा CGST
यानी central goods And Services tax, जिसे केंद्र सरकार
वसूलेगी।
दूसरा Tax होगा SGST यानी State goods And Services tax
जिसे राज्य सरकारें वसूलेंगी।
तीसरा होगा IGST यानी Integrated goods And Services tax
जो दो राज्यों के बीच होने वाले कारोबार पर लगेगा और इसे
दोनों राज्यों को बराबर अनुपात में बांटा जाएगा।
Other details
सरकार GST का एक पोर्टल बनाएगी जिसपर Pan नंबर दर्ज करके
आप अपना रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं। रजिस्ट्रेशन के बाद आपको
Unique Identification Number मिलेगा और इस नंबर का इस्तेमाल
करके आप एक बार में ही Tax की online Payment कर पाएंगे।
Path Ahead
GST बिल को लोकसभा ने 6 मई 2015 को मंजूरी दे दी थी..लेकिन
राज्यसभा में इस बिल को पास करवाने के लिए केंद्र सरकार को
इसमें कई संशोधन करने पड़े।
देश के ज्यादातर राज्य GST के समर्थन में हैं लेकिन राज्यसभा से
पास हो जाने के बाद भी GST को लागू करवाने में काफी वक्त लग
सकता है क्योंकि देश के सभी राज्यों को अपनी अपनी
विधानसभाओं में इसे पास कराना होगा।
आपको बता दें कि संविधान में संशोधन के लिए देश के आधे से
ज्यादा राज्यों को इस बिल को मंज़ूरी देनी होगी।
राज्यों में GST बिल पास हो जाने के बाद GST काउंसिल की
स्थापना की जाएगी जिसमें केंद्र और राज्य के प्रतिनिधि
शामिल होंगे जो बिल को अंतिम रूप देंगे।
सरकार की कोशिश है कि इस बिल को 1 अप्रैल 2017 से लागू कर
दिया जाए लेकिन विशेषज्ञों के मुताबिक कानूनी दिक्कतों की
वजह से GST अगले वर्ष अक्टूबर या नवंबर तक लॉन्च हो पाएगा।
History of GST
GST की नींव आज से 16 वर्ष पहले अटल बिहारी वाजपेयी की
सरकार में रखी गई थी।
इसके बाद वर्ष 2007 में यूपीए की सरकार के दौरान वित्त मंत्री
पी. चिदंबरम ने बजट में 2010 से GST लागू करने का प्रस्ताव दिया
था।
सैद्धांतिक रूप से बीजेपी और कांग्रेस दोनों GST का समर्थन करते
रहे हैं लेकिन कुछ बिंदु ऐसे थे, जिनकी वजह से इस बिल को
राज्यसभा में कांग्रेस का समर्थन नहीं मिल रहा था।
कांग्रेस केंद्र द्वारा सभी सेवाओं और वस्तुओं पर 1 प्रतिशत
ज़्यादा कर लगाए जाने के फैसले के विरोध में थी जिसे सरकार ने
बिल से हटा दिया।
कांग्रेस की मांग थी कि सरकार एक dispute settlement
authority का निर्माण करे..ताकि दो राज्यों या फिर केंद्र और
राज्य के बीच होने वाले विवादों को सुलझाया जा सके।
कांग्रेस चाहती थी कि सरकार GST पर 18 प्रतिशत का Cap तय
करे यानी GST के तहत टैक्स की दर हमेशा के लिए 18 प्रतिशत ही
हो..जिसे आगे चलकर सरकार अपनी मर्जी से ना बढ़ा पाए।
Steps taken towards GST
GST से पहले भारत के Tax सिस्टम में सबसे बड़ा बदलाव 2005 में
किया गया था जब सेल्स टैक्स को VAT से बदल दिया गया था।
VAT की मदद से अलग अलग चरणों में लगने वाले Taxes को कम करने
की कोशिश की गई थी लेकिन VAT भी टैक्स पर टैक्स लगाने
वाली व्यवस्था का अंत नहीं कर पाया।
VAT उन वस्तुओं पर भी लगता है..जिनके लिए Exise ड्यूटी चुका दी
गई है, यानी आम लोगों को Tax पर भी Tax देना पड़ता है।
भारत में Tax की वर्तमान व्यवस्था के तहत देश में निर्मित होने
वाली वस्तुओं की Manufacturing पर एक्साइज़ ड्यूटी देनी पड़ती
है..जबकि ये सामान जब बिक्री के लिए जाता है तो इस पर सेल्स
टैक्स और VAT लग जाता है।
इसी तरह सेवाओं पर लोगों से सर्विस टैक्स वसूला जाता है लेकिन
GST लागू होने पर सामान या सर्विस पर सिर्फ एक ही Tax देना
होगा।
GST के तहत सरकार राज्य सरकारों को नुकसान की स्थिति में पूरे
5 वर्षों तक मुआवज़ा देगी।
GST world over
आपको बता दें कि दुनिया के करीब 165 देशों में GST की व्यवस्था
लागू है, यानी इन देशों में भारत की तरह वस्तुओं और सेवाओं पर
अलग अलग तरह के Tax नहीं देने पड़ते।
न्यूजीलैंड में 15 प्रतिशत, ऑस्ट्रेलिया में 10 प्रतिशत, फ्रांस में 19.6
प्रतिशत, जर्मनी में 19 प्रतिशत, स्वीडन और डेनमार्क में 25
प्रतिशत और यहां तक कि पाकिस्तान में भी 18 प्रतिशत की दर
से GST लागू है।
सुनील कुमार श्योराण(अर्थ शास्त्री)की पोस्ट से साभार