एक आदमी जंगल से गुजर रहा था उसे चार स्त्रिया मिली

🌷एक आदमी जंगल से गुजर रहा था। उसे चार स्त्रियां मिली।

🚺उसने पहली से पूछा - बहन तुम्हारा नाम क्या है ? 🔰उसने कहा - " बुद्धि "
✴तुम कहां रहती हो ?
🔰मनुष्य के दिमाग में।

🚺दूसरी स्त्री से पूछा - बहन तुम्हारा नाम क्या है ?
🔰उसने कहा - " लज्जा "।
✴तुम कहां रहती हो ?
🔰आंख में।

🚺तीसरी से पूछा - तुम्हारा क्या नाम है ?
🔰उसने कहा - " हिम्मत "
✴कहां रहती हो ?
🔰दिल में।

🚺चौथी से पूछा - तुम्हारा नाम क्या है ?
🔰उसने कहा - " तंदुरूस्ती "
✴कहां रहती हो ?
🔰पेट में।

वह आदमी अब थोडा आगे बढ़ा तो फिर उसे चार पुरूष मिले।

🚹उसने पहले पुरूष से पूछा - तुम्हारा नाम क्या है ?
🔰उसने कहा - " क्रोध "
✴कहां रहते हो ?
🔰दिमाग में,
✴दिमाग में तो बुद्धि रहती है, तुम कैसे रहते हो ?
🔰जब मैं वहां रहता हूँ तो बुद्धि वहां से विदा हो जाती है।

🚹दूसरे पुरूष से पूछा - तुम्हारा नाम क्या है ?
🔰उसने कहा - " लोभ "।
✴कहां रहते हो ?
🔰आंख में।
✴आंख में तो लज्जा रहती है तुम कैसे रहते हो।
🔰जब मैं आता हूं तो लज्जा वहां से प्रस्थान कर जाती है।

🚹तीसरे से पूछा - तुम्हारा नाम क्या है ?
🔰उसने कहा - " भय "।
✴कहां रहते हो ?
🔰दिल में।
✴दिल में तो हिम्मत रहती हैं तुम कैसे रहते हो ?
🔰जब मैं आता हूं तो हिम्मत वहां से नौ दो ग्यारह हो जाती है।

🚹चौथे से पूछा तुम्हारा नाम क्या है ?
🔰उसने कहा - " रोग "।
✴कहां रहतें हो ?
🔰पेट में।
✴पेट में तो तंदरूस्ती रहती है ?
🔰जब मैं आता हूं तो तंदरूस्ती वहां से रवाना हो जाती है।

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जीवन की हर विपरीत परिस्थिति में यदि हम उपरोक्त वर्णित बातों को याद रख्खे तो कई चीजें टाली जा सकती हैं।