बात पूरे की करो अधूरे में क्या रखा है

बात पूरे की करो
अधूरे में क्या रखा है

बात दान की करो
लोभ में क्या रखा है

बात क्षमा की करो
बदले में क्या रखा है

बात एकांत की करो
भीड में क्या रखा है

बात भक्ति की करो
संसार में क्या रखा है

बात ह्रदय की करो
बुद्धि में क्या रखा है

बात समर्पण की करो
अहंकार में क्या रखा है

बात सत्त की करो
झूठ में क्या रखा है

बात गरीबत की करो
दिखावे में क्या रखा है

बात प्रेम की करो
द्वेष में क्या रखा है

बात सत्तनाम की करो
सांसारिक नाम में क्या रखा है

बात संतोष की करो
लालसा में क्या रखा है

बात धीरज की करो
बेचैनी में क्या रखा है

बात गुरू की करो
चापलूसी में क्या रखा है

बात शील की करो
पराए में क्या रखा है

बात भलाई की करो
बुराई में क्या रखा है

बात ज्ञान की करो
अज्ञान में क्या रखा है

बात मीठी करो
कडवे में क्या रखा है

बात शून्य की करो
शोर में क्या रखा है

मालिक सबको भलो करियौ